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गुमनाम नायकों की गौरवशाली गाथाएँ

विष्णु शर्मा

प्रकाशक : प्रभात प्रकाशन प्रकाशित वर्ष : 2018
पृष्ठ :160
मुखपृष्ठ : सजिल्द
पुस्तक क्रमांक : 12099
आईएसबीएन :9789384344788

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यह पुस्तक भारतीय इतिहास की उन नींव के पत्थरों के बारे में है, जिनके योगदान को आज की पीढ़ी न के बराबर जानती है। उन गुमनाम नायकों में एक को भगतसिंह अपना गुरु मानते थे और उनकी फोटो हमेशा अपनी जेब में रखते थे और जो भगतसिंह से चार साल छोटी उम्र में ही फाँसी चढ़ गए थे। एक 18 साल की वह लड़की थी, जो बोर्ड टॉपर थी, उसने एक ऐसे क्लब पर धावा बोलकर अपनी जान दे दी, जिसके बाहर लिखा था — इंडियंस ऐंड डॉग्स आर नॉट एलाउड। एक ऐसा आदिवासी नायक, जिसने जल, जंगल और जमीन का नारा दिया था। एक ऐसा युवक, जिसने सबसे बड़े अंग्रेज अधिकारी का गला काट दिया, एक ऐसी विदेशी महिला, जिसने भारत का पहला झंडा डिजाइन किया, भारत की नंबर एक यूनिवर्सिटी इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस शुरू करने में टाटा की मदद की। सन् 1857 का एक ऐसा नायक, जो 80 साल का था, कई बार अंगे्रजों को हराया, लेकिन जिंदा नहीं पकड़ा गया। एक ऐसा नायक, जिसे भारत के टाइटेनिक कांड के लिए जाना जाता है।

प्रेरणा और दिशा देनेवाले अनजान-गुमनाम नायकों की ये गाथाएँ हमारे अतीत से हमें जोड़ेंगी और भविष्य के लिए हमारा मार्ग प्रशस्त करेंगी।

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