लोगों की राय

नई पुस्तकें >> आत्मबोध के आयाम

आत्मबोध के आयाम

डॉ. स्मृति शर्मा

प्रकाशक : लोकभारती प्रकाशन प्रकाशित वर्ष : 2018
पृष्ठ :192
मुखपृष्ठ : सजिल्द
पुस्तक क्रमांक : 12271
आईएसबीएन :9789386863836

Like this Hindi book 0

प्रस्तुत हैं पुस्तक के कुछ अंश

ज्ञान मनुष्य के लिए तभी सहायक होता है, जब वह अपने साथ-साथ समाज को ऊँचा उठाने का सामर्थ्य रखता हो और ब्रह्मज्ञान की सार्थकता तब होती है’ जब साधक अपने-आपको इतनी ऊँचाई तक ले जाये कि वह त्रिकालज्ञ बनाकर समाज को आत्मकल्याण के मार्ग में ले जाये। ब्रह्मज्ञानी के लोक और परलोक दोनों सुन्दर अतर सुखद हो जाते हैं, किन्तु ब्रह्मज्ञान प्राप्त करना अत्यन्त दुष्कर कार्य है। यह अध्यात्म के रास्ते चलकर भक्ति और रोग के धर्म को स्वीकृति प्रदान करके, कठिन साधना द्वारा प्राप्त किया जा सकता। अनाहतनाद की साधना ऐसी ही कठिन तपस्या है जिसे स्मृति शर्मा ने अपने अगम्य कार्य निष्ठा व अटूट मेहनत से पूर्ण किया। अनाहतनाद से आज के संगीत का जन्म हुआ है।

‘आत्मबोध के आयाम’ रचना संगीन एवं अध्यात्म के पाठकों का पथ प्रशस्त करेगी। सुधीज़न इससे निश्चित ही लाभान्वित होंगे। भारतीय संगीत केबल मनोविनोद का साधन न होकर आत्मा को परमात्मा से जोड़ने के भक्ति मार्ग का परम कल्याणकारी साधन है। संगीत के ‘अनाहतनाद’ तत्व पर लिखतें हुए साधना के आन्तरिक स्वरूप को जाना। जीवन के धागे को गठान से मुक्त करते ही नाद स्वरूप ब्रह्मा की प्राप्ति हो जायेगी और यहीं से ‘अनाहतनाद’ के रहस्य की परतें खुलना शुरू हो जायेगी, जिससे जीवात्मा से महात्मा, महात्मा से देवात्मा और अन्त में देवात्मा से परमात्मा तक के पहुँच का मार्ग खुल जायेगा।

प्रथम पृष्ठ

लोगों की राय

No reviews for this book

A PHP Error was encountered

Severity: Notice

Message: Undefined index: mxx

Filename: partials/footer.php

Line Number: 7

hellothai