कविता संग्रह >> कविता कारण दुःख कविता कारण दुःखराजकुमार कुम्भज
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प्रस्तुत हैं पुस्तक के कुछ अंश
‘कविता कारण दुःख’ सुधि पाठकों को कुछ-कुछ अपना लगेगा और कुछ-न-कुछ बेहतर सोच-विचार के लिए प्रेरित व विवश भी करेगा। क्योंकि प्रारम्भिक तौर पर अति…संक्षिप्त दिखाई देने वाली इन कविताओं में बैशिबल-राजनीति और बैशिबल-कविता के अक्षांश का सारांश भी साज ही देखा जा सकता है। यह ज़रा भी अन्यथा नहीं है कि उनकी कविताओं का मूल स्वर मनुष्य, मनुष्यता, प्रेम और सत्ता-विरोध ही अधिक है। वे सामाजिक विदृश्यताओं के विपक्ष और आम आदमी की पीड़ा के यक्ष में सदैव ही मुस्तेदी से खड़े दिखाई देते है।
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