नई पुस्तकें >> बर्फ़ बर्फ़सौरभ शुक्ला
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प्रस्तुत हैं पुस्तक के कुछ अंश
सही और गलत के बीच किसी राह की तलाश की तरह है - सौरभ शुक्ला का बर्फ। - द हिन्दू बर्फ नाटक जैसा देखने में है, जितना दिखता है, उससे कहीं ज्यादा अनुभव के स्तर पर नाटक है। - टाइम्स ऑफ़ इंडिया सच की बेहतरीन नाट्य प्रस्तुति। - सन्डे गार्डियन बर्फ जितना भयानक है उतना ही मानवीय भी है। सौरभ ने एक पतली रस्सी पर चलने जैसा खतरनाक काम किया है, जिसमे वे पूरी तरह सफल हुए हैं। रंगमंच की दुनिया का यह चकित करने वाला काम है।
- सुधीर मिश्रा
- सुधीर मिश्रा
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