" />
लोगों की राय

नई पुस्तकें >> आर्किमिडीज़

आर्किमिडीज़

गुणाकर मुले

प्रकाशक : राजकमल प्रकाशन प्रकाशित वर्ष : 2009
पृष्ठ :92
मुखपृष्ठ : सजिल्द
पुस्तक क्रमांक : 12401
आईएसबीएन :9788126708789

Like this Hindi book 0

"आर्किमिडीज़ : प्राचीन विज्ञान का महान आचार्य और यांत्रिकी का जनक"

यदि संसार के 10 महान वैज्ञानिकों की सूची बनानी पड़े, तो उसमें आर्किमिडीज़ का नाम अवश्य रखना होगा। आर्किमिडीज़ एक महान गणितज्ञ ही नहीं, उच्च कोटि के भौतिकवेत्ता और यंत्रविद् भी थे। रोमन सेना के हमले से अपने सिराक्यूज नगर (सिसिली द्वीप, भूमध्यसागर) की रक्षा के लिए उन्होंने कई युद्ध-यंत्रों का आविष्कार किया था। आर्किमिडीज़ ‘द्रव-स्थिति-विज्ञान’ के संस्थापक माने जाते हैं। सुनार द्वारा सोने के मुकुट में मिलाई गई चांदी का अध्ययन करके उन्होंने द्रव-स्थिति-विज्ञान के बुनियादी नियम खोज निकाले थे। उन्होंने उत्तोलक और घिरनियों के बारे में भी कई नियम खोज निकाले। पानी को नीचे से ऊपर उठाने के लिए आर्किमिडीज़ ने जिस यंत्र का आविष्कार किया था वह ‘आर्किमिडीज़ का स्क्रू’ कहलाता है और आज भी मिस्र में उसका प्रयोग होता है।

आर्किमिडीज़ के नाम से प्रसिद्ध वक्र (आर्किमिडीज़ का सर्पिल) का उपयोग आजकल रेडारों के निर्माण में होता है। उन्होंने न्यूटन से सदियों पहले कलन-गणित की भी नींव रख दी थी। आर्किमिडीज़ ‘बहुत बड़ी संख्या’ और ‘अनंत’ के अंतर को भलीभांति समझ गए थे। ऐसे महान वैज्ञानिक का वध एक रोमन सैनिक के हाथों हुआ। आर्किमीदीज अपनी तरुणाई में उच्च अध्ययन के लिए मिस्र के सिकंदरिया विश्वविद्यालय गए थे। इसलिए प्राचीन यूनानी विज्ञान के इस महान विद्याकेंद्र के बारे में कुछ विस्तार से जानकारी दी गई है।

पुस्तक के आरंभ में प्राचीन यूनानी विज्ञान के भूक्षेत्र का एक नक्शा भी दिया गया है। आशा है, विज्ञान के विद्यार्थी और अध्यापक ‘आर्किमिडीज़’ के इस नए संशोधित संस्करण को प्रेरणाप्रद और उपयोगी पाएंगे।

प्रथम पृष्ठ

अन्य पुस्तकें

लोगों की राय

No reviews for this book

A PHP Error was encountered

Severity: Notice

Message: Undefined index: mxx

Filename: partials/footer.php

Line Number: 7

hellothai