कविता संग्रह >> सदी का सबसे बड़ा आदमी सदी का सबसे बड़ा आदमीकाशीनाथ सिंह
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इस संग्रह में शामिल कहानियों के बारे में स्वयं लेखक कायह कहना कि, ‘ये कहानियाँ आपके पास आ रही हैं -उठने-बैठने के लिए, बोलने-बतियाने के लिए, संग-साथ के पर उतनी ही सार्थक टिप्पणी है जितनी कि ये कहानियाँ अपनी रचना की जनपक्षीय भूमिका के प्रात आश्वस्त रचनाकार ही ऐसी आत्मीय बात कह सकता है ? समकालीन हिन्दी कथाकारों में काशीनाथ सिंह का महत्त्वपूर्ण स्थान है। उन्होंने अपने कथा-पात्रों को न तो उनके सांस्कृतिक सामाजिक और ऐतिहासिक विकास क्रम से काटकर प्रस्तुत किया है और न ही रचना पर बौद्धिक या कलात्मक कुहासे की चादर ढंकी है। अपने समाज और अपने लोगों से गहरे प्यार और उनकी तमाम खामियों-खूबियों की बेबाक समझ से पैदा हुई ये कहीनियाँ हमें अभिभूत कर लेती हैं साथ ही हम न सिर्फ अपने इर्द-गिर्द को बल्कि स्वयं को भी ज्यादा ईमानदारी से पहचानने लगते हैं।
संक्षेप में कहें तो बातचीत काएक सहज अन्दाज, जिसमें विषयगत परिवेश और उसके जटिलतर अन्तर्विरोध उजागर होते चले आते हैं इन कहानियों की एक खास खूबी है।
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