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चिन्तामणि
चिन्तामणि
प्रकाशक :
लोकभारती प्रकाशन |
प्रकाशित वर्ष : 2021 |
पृष्ठ :234
मुखपृष्ठ :
पेपरबैक
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पुस्तक क्रमांक : 13086
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आईएसबीएन :9789389243352 |
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"साहित्य : मानवता का दिव्य उपहार और एकता का प्रतीक"
‘‘यदि वाणी की शक्ति ईश्वर का सबसे उत्तम प्रसाद है; यदि भाषा की उत्पत्ति बहुत-से विद्वानों द्वारा ईश्वर से मानी गई है ? यदि शब्दों द्वारा अन्तःकरण के गुप्त रहस्य प्रकट किए जाते हैं; चित्त की वेदना को शान्ति दी जाती है; हृदय में बैठा हुआ शोक बाहर निकाल दिया जाता है; दया उत्पन्न की जाती है और बुद्धि चिरस्थायी बनाई जाती है; यदि बड़े ग्रन्थकारों द्वारा बहुत-से मनुष्य मिलकर एक बनाए जाते हैं; जातीय लक्षण स्थापित होता है; भूत और भविष्य तथा पूर्व और पश्चिम एक-दूसरे के सम्मुख उपस्थित किए जाते हैं; और यदि ऐसे लोग मनुष्य जाति में अवतार-स्वरूप माने जाते हैं—तो साहित्य की अवहेलना करना और उसके अध्ययन से मुख मोड़ना कितनी बड़ी भारी कृतघ्नता है।’’
—‘साहित्य’ शीर्षक निबन्ध से
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