धर्म एवं दर्शन >> इस्लाम के धार्मिक आयाम इस्लाम के धार्मिक आयामजफर रजा
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इस्लाम के धार्मिक आयाम का समुचित संज्ञान हुसैनी क्रान्ति के परिपेक्ष में ही सम्भव है, जिसके नायक इस्लामी पैगम्बर के सगे नाती हजरत इमाम हुसैन थे,
इस्लाम के धार्मिक आयाम का समुचित संज्ञान हुसैनी क्रान्ति के परिपेक्ष में ही सम्भव है, जिसके नायक इस्लामी पैगम्बर के सगे नाती हजरत इमाम हुसैन थे, जिन्होंने सत्य एवं न्याय की प्रतिरक्षा में जिहाद किया और अपने सहयोगियों तथा परिवारजनों सहित कर्बला में शहीद हुए। इमाम हुसैन की शहादत के सर्वव्यापी प्रभाव का अनुमान इससे किया जा सकता है कि हजरत ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती अजमेरी ने इमाम हुसैन के व्यक्तित्व को ही वास्तविक इस्लाम माना है-' 'दीन अस्त हुसैन व दीनपनाह अस्त हुसैन।''
हुसैनी क्रान्ति के अनेक आयाम हैं-धार्मिक, सामाजिक, राजनैतिक, ऐतिहासिक, सांस्कृतिक आदि। इस महत्त्वपूर्ण विषय पर हिन्दी भाषा मैं किसी पुस्तक का नितान्त अभाव रहा है। प्रस्तुत ग्रंथ इस कमी को पूरा ही नहीं करता, वरन् इस महत्वपूर्ण विषय पर यह एक प्रामाणिक दस्तावेज है।
विद्वान लेखक प्रो. जाफर रजा ने जिस प्रकार हुसैनी क्रान्ति के उद्देश्यों, घटनाक्रमों एवं निष्कर्षों का वस्तुनिष्ठ एवं निष्पक्ष भाव से विश्लेषण किया है, वह अत्यन्त सराहनीय है। संवेदनशील विषयों पर उनका दृष्टिकोण सन्तुलित, सहज एवं उदार रहा है। जो बात भी कही है, वह ठोस आधार पर प्रामाणिक है। इस्लाम विषयक उनकी विशिष्ट कृतियों के अध्ययन से लगता है कि यही उनका अस्ल मैदान है। इस्लामी इतिहास, धर्म एवं संस्कृति पर उन्हें पूर्ण अधिकार प्राप्त है।
हुसैनी क्रान्ति विषयक पुस्तकों में प्रस्तुत ग्रंथ शोधपरक वैज्ञानिक दृष्टि के आधार पर अद्वितीय है। उर्दू ही नहीं, फारसी, अरबी या अंग्रेजी में भी ऐसी कोई पुस्तक उपलब्ध नहीं है। विश्वास है कि हिन्दी-जगत् प्रस्तुत ग्रंथ का स्वागत करेगा।
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