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राजा राममोहन राय: जीवन और दर्शन

के सी दत्त

प्रकाशक : लोकभारती प्रकाशन प्रकाशित वर्ष : 2010
पृष्ठ :419
मुखपृष्ठ : सजिल्द
पुस्तक क्रमांक : 13267
आईएसबीएन :9788180315459

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चार खंडों में विभाजित पुस्तक में मूल अंग्रेजी दस्तावेज विद्यार्थियों, शोधकर्ताओं और जिज्ञासु पाठकों की सुविधा और सूचना को ध्यान में रखकर दिया गया है

प्रस्तुत पुस्तक ‘राजा राममोहन राय’ अब तक मुद्रित अंग्रेजी और बंगला में उपलब्ध प्रमाणित ग्रंथों और दस्तावेजों पर आधारित राममोहन राय पर एक पूर्णांग जीवनी है तथा भारतीय पुनर्जागरण के परिप्रेक्ष्य में धार्मिक, सामाजिक, राजनैतिक आन्दोलनों में राम मोहन की भूमिका पर संक्षिप्त विवेचन है। जीवन भाग के लिए मुख्यतः सोफिया डॉबसन कोलेट की अंग्रेजी पुस्तक और नागेन्द्रनाथ व् चट्टोपाध्याय की पुस्तक का आधार लिया गया है। पुस्तक चार खंडों में विभाजित है। पहले खंड में तत्कालीन भारत की एतिहासिक, धार्मिक, समाजिक और आर्थिक परस्थिति की संक्षिप्त रूप-रेखा खिंची गयी है। दूसरा भाग मोटे तौर पर राम मोहन के संघर्षमय जीवन की चमत्कारपूर्ण गाथा है। तीसरा खंड उनके कृतित्व और विचार दर्शन प् संक्षिप्त विवेचन से सम्बंधित अहि। इस खंड में आलोचना के प्रसंग में कभी-कभी विचारों और घटनाओं की पुनरावृत्ति हो गई है जो एक सीमा तक अपरिहार्य थी, इसी से बचा नहीं जा सका। परिशिष्ट खंड में कुच्छ मूल अंग्रेजी दस्तावेज विद्यार्थियों, शोधकर्ताओं और जिज्ञासु पाठकों की सुविधा और सूचना को ध्यान में रखकर दिया गया है। पुस्तक में मूल अंग्रेजी उद्धरण भी इसी आवश्यकता को ध्यान में रखकर दिए गये हैं।

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