भाषा एवं साहित्य >> सरकारी कार्यालयों में हिन्दी का प्रयोग सरकारी कार्यालयों में हिन्दी का प्रयोगगोपीनाथ श्रीवास्तव
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सरकारी कार्य में व्यवहृत विदेशी भाषाओं के वाक्यांश और उनके हिन्दी पर्याय दिये गये हैं
सरकारी कार्यालयों में हिन्दी का प्रयोग गोपीनाथ श्रीवास्तव यह पुस्तक तीन भागों में विभाजित है¬—पहले भाग में सैद्धान्तिक रूप से टिप्पण, प्रालेखन, संक्षिप्त-लेखन, मुद्रण-फलक-शोधन विषयों पर सविस्तार विचार प्रकट किये गये हैं। दूसरे भाग में, नमूनों द्वारा शुभ टिप्पणी, प्रालेख लिखने की विधि को बताया गया है। साथ में यह भी बताया गया है कि बहुधा अशुद्धियाँ किन-किन स्थलों पर होती हैं और क्यों होती हैं। प्रत्येक अवसर पर प्रयुक्त होने वाले पत्रों के प्रतिमित प्रपत्र भी पुस्तक में दे दिये गये हैं। इनके प्रयोग से कर्मचारियों का बहुत कुछ नैत्यक प्रकार का कार्य सुगमता से सम्पन्न हो सकेगा। तीसरे भाग में, सरकारी कार्य में व्यवहृत विदेशी भाषाओं के वाक्यांश और उनके हिन्दी पर्याय दिये गये हैं। प्रस्तुत पुस्तक ‘सरकारी कार्यालयों में हिन्दी का प्रयोग’ तीन भागों में विभाजित किया गया है। पहले भाग में टिप्पण, प्रालेखन, संक्षिप्त लेखन और मुद्रण-फलक-शोधन पर सविस्तार प्रकाश डाला गया है। दूसरे भाग में परिशिष्ट है जिसमें दोषयुक्त और शुद्ध टिप्पणी के नमूने, विभिन्न प्रकार के प्रालेखों के नमूने, संक्षिप्त-लेखन के नमूने, मुद्रण-शोधन के नमूने, कतिपय प्रतिमित प्रालेख, प्रपत्र और सन्देश आदि दिये गये हैं। तीसरे भाग में सरकारी कार्य में व्यवहृत विदेशी भाषाओं के वाक्यांश और उनके हिन्दी पर्याय दिये गये हैं। मुझे आशा है कि यह पुस्तक उपयोगी और राजकीय कार्यों में हिन्दी की प्रगति बढ़ाने में सहायक सिद्ध होगी।
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