लोगों की राय

उपन्यास >> शाने तारीख़

शाने तारीख़

सुधाकर अदीब

प्रकाशक : लोकभारती प्रकाशन प्रकाशित वर्ष : 2013
पृष्ठ :328
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 13306
आईएसबीएन :9788180318009

Like this Hindi book 0

शेरशाह सूरी : इतिहास के 'शाने तारीख'

शेरशाह सूरी महज एक बादशाह नहीं 'शाने तारीख' था। वह अपने समय का एक ऐसा व्यक्ति था जो किसी राजवंश में नहीं जन्मा था। एकदम धुल से उठा एक ऐसा व्यक्तित्व था जो संघर्ष की आँधियों में तपकर मध्यकालीन भारत के राजनैतिक आकाश पर एक तूफ़ान की तरह छ गया। एक ऐसा अभूतपूर्व तूफ़ान जो सिर्फ पांच बरस चला, मगर जो अपना असर सदियों तक के लिए इस धरती पर छोड़ गया।.... हुमायूँ के सुयोग्य बेटे अकबर ने भी अपने पूर्ववर्ती शेरशाह के सुशासन और उसकी धार्मिक सहिष्णुता का अनुगमन किया और उसके दिखाये मार्ग पर सुदीर्घ काल तक चलकर ही वह महान बना। शेरशाह ने सूत्र रूप में जो राजकाज के सिद्धांत दिये उन्हें और भी विकसित कर जलालुद्दीन मोहम्मद अकबर इतिहास में अपना नाम अमर कर गया। लेकिन जो लोग अपनी राह खुद बनाते हैं इतिहास में उनका नाम चाहे जितना श्वेत और श्याम हो, समय उनसे प्रेरित होकर उसमें नित नये रंग भरता है। शेरशाह सूरी इस लिहाज से अकबर महान से भी अधिक एक रचनात्मक प्रतिभासंपन्न व्यक्ति और उससे बड़ा राष्ट्र-निर्माता था। यदि उसे अपने जीवन में दस-पंद्रह बरस और मिले होते तो शायद लोग अकबर को भी उस तरह याद न करते जैसा आज करते हैं। शेरशाह वास्तव में इतिहास का गौरव था और अपनी इसी अद्दितियता के कारण सदैव रहेगा।...

प्रथम पृष्ठ

अन्य पुस्तकें

लोगों की राय

No reviews for this book