धर्म एवं दर्शन >> श्री लीला रामायण श्री लीला रामायणभानुशंकर मेहता
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प्रस्तुत पुस्तक 'श्री लीला रामायण' में तुलसी की रामकथा है, उनका मानस है और गद्य-पद्य में उन्ही की पंक्तियाँ हैं
प्रस्तुत पुस्तक 'श्री लीला रामायण' में तुलसी की रामकथा है, उनका मानस है और गद्य-पद्य में उन्ही की पंक्तियाँ हैं। प्रत्येक प्रसंग का मानस के अनुसार स्वरूप दे दिया है। यदि लीला करनेवाले चाहें तो उनका कवित्त-छन्द रीति से शृंगार कर सकते हैं पर ध्यान रहे अतिरेक न हो, कथा का रस भंग न हो। क्षेपक जोड़ने से कथा का विस्तार होगा और यदि समय अनुमति दे तो वैसा कर सकते हैं। इस लीला-संग्रह में कोई दुराग्रह नहीं है, कोई बाध्यता नहीं है पर जो केवल तुलसी के रामचरितमानस को रूपायित करना चाहते हैं उनके लिए यह उपयोगी होगा।
इसका पाठ आपको रामचरितमानस के संक्षिप्त पाठ का सुख देगा। राम जी की प्रेरणा से यह लिखा गया और उन्हीं के युगल चरणों में अर्पित है।
-श्री राम शरणं प्रपद्ये-
-भानुशंकर मेहता
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