Siri Gita Jee Cho Mahema - Hindi book by - Ramsingh Thakur - श्रीगीता जी की महिमा (गुजराती) - रामसिंह ठाकुर
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श्रीगीता जी की महिमा (गुजराती)

रामसिंह ठाकुर

प्रकाशक : लोकभारती प्रकाशन प्रकाशित वर्ष : 2014
पृष्ठ :119
मुखपृष्ठ : सजिल्द
पुस्तक क्रमांक : 13322
आईएसबीएन :9788180319686

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सिरी गिता जी चो महेमा के ए किताप भितरे भाइगमानी सिरी ठाकुर साहेब इतरो सुँदर साँगलासोत की एके पढ़तो लोग

सिरी गिता जी चो महेमा के ए किताप भितरे भाइगमानी सिरी ठाकुर साहेब इतरो सुँदर साँगलासोत की एके पढ़तो लोग एक हार पढ़ुक मुरयाला बल्ले हुन मन के किताप के छाँडुक नीं भायदे। मोके बिस्वास आसे की एके सब झन खुबे मन करदे आउर आपलो सँगे-सँगे आपलो घर-गाँव चो लोग मन के बले पढ़तो काजे साँगदे-बलदे। एचो सँगे-सँगे जे लोग पढ़ुक नीं सकोत नाहले नीं जानोत, असन मन के पढ़ुन भाती साँगतो बले पढ़लो-गुनलो लोग चो धरम आय। तेबेय ए किताप भितरे साँगलो गियान चो गोठ गुलाय बाटे बिगरेदे। फुल चो सुँदर बास असन गुलाय माहकेदे।

– हरिहर वैष्णव

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