धर्म एवं दर्शन >> सुफ़ीवाद के आध्यात्मिक आयाम सुफ़ीवाद के आध्यात्मिक आयामजफर रजा
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प्रो़फेसर जा़फर ऱजा ने अत्यन्त निष्पक्ष होकर सू़फीवाद का एक प्रामाणिक दस्तावे़ज प्रस्तुत किया है
सू़फीवाद के आध्यात्मिक आयाम हिन्दी में तसव्वु़फ या सू़फीमत पर दो प्रामाणिक पुस्तकें छपी हैं। एक स्व. चन्द्रबली पाण्डेय की, दूसरी डॉ. राममूर्ति त्रिपाठी की। इस्लाम धर्म के अनुयायी विद्वान् की हिन्दी में यह पहली पुस्तक है—सू़फीवाद के आध्यामिक आयाम। इस पुस्तक में ऐतिहासिक पृष्ठभूमि के साथ-साथ सू़फी सिद्धान्तों का बहुत ही स्पष्ट और प्रामाणिक विवेचन है। प्रो़फेसर जा़फर ऱजा ने अपने प्रतिपादन की पुष्टि क़ुर्आन के उद्धरणों से की है। इसके साथ-साथ विभिन्न सू़फी सम्प्रदायों का ऐतिहासिक, दार्शनिक और साधनापरक विवेचन भी इसमें है। इस पुस्तक की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इसमें पूर्ववर्ती मूल अरबी-फ़ारसी विवेचकों का संक्षिप्त परिचय भी दिया गया है। विशेष रूप से भारत में प्रसिद्ध सू़फी-फ़कीर सम्प्रदायों और उनके प्रमुख हस्ताक्षरों के बारे में बहुत ही प्रामाणिक विवेचन है। प्रो़फेसर जा़फर ऱजा ने अत्यन्त निष्पक्ष होकर सू़फीवाद का एक प्रामाणिक दस्तावे़ज प्रस्तुत किया है। सू़फीदर्शन इस्लाम को मथ करके निकला मक्खन है। यह इस्लाम को प्रतिष्ठा दिलाने में तो सफल हुआ ही है, इसकी पृष्ठभूमि का दिग्दर्शन प्रो़फेसर जा़फर ऱजा ने अच्छी तरह प्रस्तुत किया है।
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