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उपनिषदों की कहानियाँ

रामप्रताप त्रिपाठी शास्त्री

प्रकाशक : लोकभारती प्रकाशन प्रकाशित वर्ष : 2010
पृष्ठ :234
मुखपृष्ठ : सजिल्द
पुस्तक क्रमांक : 13346
आईएसबीएन :9788180313523

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उपनिषद वह रहस्यविद्या हैं, जो अप्रत्यक्ष रूप से भारतीय संस्कृति की सभी विचारधाराओं को जीवन-दान करती हैं

उपनिषदों का दूसरा नाम 'रहस्यविद्या' बतलाया गया है। उपनिषद वह रहस्यविद्या हैं, जो अप्रत्यक्ष रूप से भारतीय संस्कृति की सभी विचारधाराओं को जीवन-दान करती हैं। वे इतनी रहस्यमयी हैं कि उनका सर्वस्व जानने का अधिकारी कोई एक व्यक्ति कभी नहीं रहा। यदि कोई एक ऐसा व्यक्ति रहा भी हो तो उसका मत ही सर्वमान्य नहीं रहा। इस 'रहस्यविद्या' को जानने का अधिकार प्राप्त करने के लिए 'नचिकेता' के समान सर्वस्व त्याग करना पड़ता था। उपनिषदों में उस काल की अध्यात्म एवं दर्शन-सम्बन्धी सामग्रियों के भव्य चित्र ही नहीं सँजोए गए है, प्रत्युत् भारतीय जीवन-दर्शन के सभी पहलुओं का गम्भीर विवेचन भी उनमें किया गया है। मानव-जीवन में ही नहीं, इस निखिल विश्व में व्याप्त सत्य की जिज्ञासा एवं उसके अन्वेषण के लिए उपयोगी साधन की ऐसी उत्कट उत्कंठा उनमें व्यक्त है, जो विश्व के विस्तृत वाङ्‌मय में अन्यत्र दुर्लभ है। मानवीय प्रतिभा एवं पहुँच का इनसे बढ्‌कर कोई दूसरा उदाहरण इस रूप में अभी तक नहीं बन सका है। सचमुच, मानव की उत्कृष्ट कल्पना का ऐसा शाश्वत एवं कल्याणकारी रूप विश्व-साहित्य में अभी तक दूसरा नहीं दिखाई पड़ता। यही कारण है कि आर्य धर्म न माननेवाले भी उनपर तन-मन से निछावर हैं।
उपनिषदों में दी गई शिक्षाओं में वह दिव्य तेज है जिसे व्यावहारिक रूप में लाकर कोई भी व्यक्ति, कोई भी समाज अवनति के गर्त में कभी नहीं गिर सकता, प्रचुर दुःख-दैन्य से छुटकारा पा सकता है. विद्वेश और मृणा की आग से उसे कोई भय नहीं हो सकता और न भौतिक अभाव के कारण उसे दर-दर भटकना ही पड़ेगा। काम क्रोधादि विकारों को दूर करने की इनमें अमोघ शक्ति है, आत्म-ज्योति को पहचानने के लिए इनसे बढ्‌कर कोई दूसरा साधन नहीं है।
उपनिषदें शाश्वत ज्ञान की अक्षय भण्डार हैं। सारे संसार में ऐसा कोई दर्शन नहीं है, विचारधारा नहीं, जो इनसे प्रभावित नहीं हुई है।
प्रस्तुत पुस्तक में उन्नीस कहानियाँ संग्रहीत हैं। इनकी भाषा में सरलता लाने की चेष्टा की गयी है तथा कुछ महत्वपूर्ण अवतरण बढ़ा दिये गये है जिससे पुस्तक की उपयोगिता और बढ़ गयी है। आशा है प्रस्तुत संस्करण छात्रों, शोधार्थियों तथा जिज्ञासु पाठकों का मार्गदर्शन करने में सहायक सिद्ध होगी।

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