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कविता संग्रह >> पहाड़ पर लालटेन

पहाड़ पर लालटेन

मंगलेश डबराल

प्रकाशक : राधाकृष्ण प्रकाशन प्रकाशित वर्ष : 2021
पृष्ठ :72
मुखपृष्ठ : सजिल्द
पुस्तक क्रमांक : 13578
आईएसबीएन :9788171193035

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अपने अनेक समकालीन जनवादी कवियों से मंगलेश कई अर्थों में भिन्न और विशिष्ट है

पहाड़ पर लालटेन मंगलेश डबराल का यह कविता संग्रह सोलह वर्ष पहले प्रकाशित हुआ था और पिछले कई वर्ष से अनुपलब्ध था। यह कविता की आंतरिक शक्ति और सार्थकता ही कही जाएगी कि इतना समय बीतने पर भी कविता के समर्थकों के बीच इस संग्रह की जरूरत बनी रही। पहाड़ पर लालटेन के इस तीसरे संस्करण के प्रकाशन के समय पहले संस्करण में लिखी पंकज सिंह की टिप्पणी को याद करना शायद अप्रासंगिक नहीं होगा: ‘‘मंगलेश की कविताएँ जहाँ एक ओर समकालीन जीवन के अँधेरों में घूमती हुई अपने सघन और तीव्र संवेदन से जीवित कर्मरत मनुष्यों तथा दृश्य और ध्वनि बिंबों की रचना करती हैं और हमारी सामूहिक स्मृति के दुखते हिस्सों को उजागर करती हैं, वहीं वे उस उजाले को भी आविष्कृत करती हैं जो अवसाद के समानांतर विकसित हो रही जिजीविषा और संघर्षों से फूटता उजाला है।

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