लोगों की राय

इतिहास और राजनीति >> अशफाकउल्ला और उनका युग

अशफाकउल्ला और उनका युग

सुधीर विद्यार्थी

प्रकाशक : राजकमल प्रकाशन प्रकाशित वर्ष : 2021
पृष्ठ :164
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 13725
आईएसबीएन :9788171781966

Like this Hindi book 0

इतिहास-लेखकों में सुपरिचित सुधीर विद्यार्थी की यह पुस्तक काकोरी कांड के सर्वाधिक युवा और तेजस्वी शहीद अशफाक उल्ला के महान अवदान का दस्तावेजी मूल्यांकन है।

भारतीय क्रन्तिकारी आन्दोलन के इतिहास-लेखकों में सुपरिचित सुधीर विद्यार्थी की यह पुस्तक काकोरी कांड के सर्वाधिक युवा और तेजस्वी शहीद अशफाक उल्ला के महान अवदान का दस्तावेजी मूल्यांकन है। काकोरी कांड का समूचे भारतीय स्वाधीनता-संग्राम में एक विशेष महत्व है। यह केवल ब्रिटिश सरकार पर ही राजनीतिक हमला नहीं था, बल्कि 1921 के असहयोग आन्दोलन के स्थगन से उपजे राजनीतिक शुन्य को भरने का भी प्रयास था। साथ ही इस कांड की एक सकारात्मक भूमिका और भी थी। तत्कालीन सांप्रदायिक माहौल के खिलाफ राष्ट्रीयता को बढ़ावा देने में इससे भारी प्रेरणा मिली।

राजेन्द्रनाथ लाहिड़ी, ठाकुर रोशनसिंह और रामप्रसाद बिस्मिल के साथ अशफाक उल्ला का बलिदान भारतीय जनता के लिए अविस्मरणीय हो उठा। अपनी चिट्ठियों, बयानों और नज्मों से उन्होंने देश को एक नई राह पकड़ने की प्रेरणा देते हुए क्रातिकारी आन्दोलन में पहली बार मार्क्सवादी सिद्धांतों की हिमायत की। वस्तुतः अशफाक उल्ला के क्रांतिकारी जीवन-संघर्ष के साथ-साथ यह कृति काकोरी युग के समूचे राजनीतिक वातावरण, वैचारिकता और क्रांतिकारियों की ज्वलंत राष्ट्रनिष्ठा को तथ्यात्मक ढंग से प्रस्तुत करती है।

प्रथम पृष्ठ

अन्य पुस्तकें

लोगों की राय

No reviews for this book