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कोरोनरी हृदय रोग: बचाव एवं उपचार की राह

यतीश अग्रवाल

प्रकाशक : राजकमल प्रकाशन प्रकाशित वर्ष : 2010
पृष्ठ :47
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 13804
आईएसबीएन :9788126709571

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बायपास ऑपरेशन कैसे हृदय को नया जीवन देता है, दिल के विभिन्न टेस्ट कैसे किए जाते हैं और उनकी क्या उपयोगिता है आदि की जानकारी देती पुस्तक।

जीवन का सुर-संगीत दिल की धड़कनों में ही बसा है। ये धड़कनें ताजिंदगी मजबूत बनी रहें, यह मंगल प्रार्थना पूरी करने के लिए जीवन थोड़ा संयम, थोड़ा अनुशासन गूँथना जरूरी है। जब तक स्वस्थ जीवन-पद्धति न अपनाई जाए, उम्र बढ़ने के साथ और कभी कम उम्र में ही कोरोनरी धमनियों में सँकरापन आना स्वाभाविक है। ऐंजाइना और दिल का दौरा इसी की देन हैं।

हृदय रोग से संबंधित नवीनतम जानकारियाँ तथा बचाव और उपचार के व्यावहारिक पहलुओं को सरल-सुबोध शैली में प्रस्तुत करती यह कृति न सिर्फ रोगी और उसके परिवाजन बल्कि हर किसी के लिए पठनीय और उपयोगी है। ऐंजाइना क्या है, दिल का दौरा क्यों पड़ता है, किन-किन चीजों से दिल बीमार पड़ता है, दिल के बचाव के क्या उपाय हैं, कोलेस्टेरॉल को कैसे कम कर सकते हैं, अपने हृदय का भविष्यफल जानने के लिए क्या सूत्र लगाएँ, कोरोनरी ऐंजियोप्लास्टी में क्या करते हैं, बायपास ऑपरेशन कैसे हृदय को नया जीवन देता है, दिल के विभिन्न टेस्ट कैसे किए जाते हैं और उनकी क्या उपयोगिता है आदि की जानकारी देती पुस्तक।

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