लोगों की राय

कहानी संग्रह >> दस चक्र राजा

दस चक्र राजा

हरीश चन्द्र पाण्डे

प्रकाशक : राजकमल प्रकाशन प्रकाशित वर्ष : 2013
पृष्ठ :120
मुखपृष्ठ : सजिल्द
पुस्तक क्रमांक : 13811
आईएसबीएन :9788126724994

Like this Hindi book 0

दस चक्र राजा कवि के रूप में प्रसिद्धि प्राप्त कर चुके हरीश चन्द्र पाण्डे का पहला कहानी-संग्रह है।

दस चक्र राजा कवि के रूप में प्रसिद्धि प्राप्त कर चुके हरीश चन्द्र पाण्डे का पहला कहानी-संग्रह है। इन कहानियों को पढ़ते हुए स्पष्ट प्रतीत होता है कि कवि-दृष्टि के साथ जीवन के गद्यात्मक यथार्थ को चित्रित करने में लेखक को पूर्ण सफलता प्राप्त हुई है। इन कहानियों के केन्द्र में सामान्य मनुष्य हैं। लगभग निम्न-मध्यम वर्ग के व्यक्ति। संग्रह की कहानियाँ इन व्यक्तियों के छोटे-छोटे सुखों और दुखों को व्यक्त करती हैं। लेखक ने सूक्ष्म पर्यवेक्षण का परिचय देते हुए जैसे इस जीवन को शब्दों में पुनरुज्जीवित किया है। बहुतेरी कहानियाँ स्त्रियों के अन्तरंग की झलक हैं। लेरवक ने 'स्त्री-विमर्श' के 'मार्मिक मुहावरे' का लोभ त्यागकर यथार्थ को इसके सम्यक् स्वरूप में प्रस्तुत किया है। यही कारण है कि 'वह फूल छूना चाहती है', 'प्रतीक्षा', 'कुन्ता', 'ढाल' जैसी कहानियाँ मन में बस जाती हैं। हरीश चन्द्र पाण्डे की अभिव्यक्ति में अनुभवों का वैविध्य है। 'बोहनी', 'साथी' व 'प्रोत्साहन' कहानियों से इसे परखा जा सकता है। अपनी सरलता और सहजता में ये रचनाएँ बेजोड़ हैं। शब्द-स्फीति के संक्रामक समय में लेखक का संयम और सन्तुलन सराहने योग्य है। भाषा में अद्‌भुत लय है, जैसे- 'अरे भई शब्द की अपनी एक सुगन्ध होती है? व्याप्ति होती है ?.. बुरुंशँस् कहते ही चारों ओर उजाला सा फैल जाता है। फूलों से लदी पहाड़ियों और घरों की देहरियाँ कौंधने लगती हैं ?' इन कहानियों को पढ़ना सहज दिखते जटिल यथार्थ से गुजरना है।

प्रथम पृष्ठ

अन्य पुस्तकें

लोगों की राय

No reviews for this book

A PHP Error was encountered

Severity: Notice

Message: Undefined index: mxx

Filename: partials/footer.php

Line Number: 7

hellothai