नाटक-एकाँकी >> एवम् इंद्रजित् एवम् इंद्रजित्बादल सरकार
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बादल सरकार के नाटक ‘एवम इन्द्रजित’ का भारतीय रंगकर्म में एक विशिष्ट स्थान हैं।
बादल सरकार के नाटक ‘एवम इन्द्रजित’ का भारतीय रंगकर्म में एक विशिष्ट स्थान हैं। मूलतः बांग्ला में लिखे इस नाटक का अनेक भारतीय भाषाओँ में अनुवाद हो चूका है। विभिन्न भाषाओँ के रंगकर्म में इस नाटक ने बार-बार मंचित होकर प्रशंसा और प्रसिद्धि पर्याप्त बटोरी है। इस नाटक की लोकप्रियता का कारण इसके कथा व् शिल्प में निहित है। युवा वर्ग की महत्त्वाकांक्षा, परवर्ती कुंठा व् निराशा का यथार्थपरक चित्रण इसमें किया गया है। नाटक अपनी निष्पत्ति में रेखांकित करता है कि मृत्यु का वरण समस्या का समाधान नहीं है। यह जानते हुए भी कि हमारे पास कोई संबल नहीं, हमें जीना है। नाटक का कथ्य अत्यंत यथार्थवादी होते हुए भी शिल्प प्रतीकात्मक है। जीवन के दस-पंद्रह वर्षो की अवधि को समेटे हुए यह नाटक जीने की जिद का तर्क है। बादल सरकार की काव्यात्मक भाषा सम्प्रेषण और अर्थ दोनों को समृद्ध करती है। नए कलेवर में प्रस्तुत यह प्रसिद्द नाटक पाठकों व् रंगकर्मियों को खूब भाएगा, ऐसा विश्वास किया जा सकता है। प्रसिद्द रंगकर्मी डॉ. प्रतिभा अग्रवाल ने ‘एवम इन्द्रजीत’ का मनोयोगपूर्वक अनुवाद किया है। उनके अनुसार, ‘...मेरे द्वारा किए गए अनुवादों में यह सर्वश्रेष्ठ है।’
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