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उपन्यास >> हरी घास की छप्पर वाली झोपड़ी और बौना पहाड़

हरी घास की छप्पर वाली झोपड़ी और बौना पहाड़

विनोद कुमार शुक्ल

प्रकाशक : राजकमल प्रकाशन प्रकाशित वर्ष : 2023
पृष्ठ :248
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 13881
आईएसबीएन :9788119028566

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"विनोद कुमार शुक्ल का खिलेगा तो देखेंगे : एक सामूहिक जीवन की कथा, जहाँ मौन बोलता है और प्रकृति उपचार करती है।"

‘खिलेगा तो देखेंगे’ विनोद कुमार शुक्ल का बहुत चर्चित उपन्यास है। आदिवासी जीवन और परिवेश के दृश्यों में रचे-बसे इस उपन्यास में भी विनोद कुमार शुक्ल की वह कथा-शैली देखने को मिलती है जो उनका अपना आविष्कार है। बिना किसी ठोस कथा-सूत्र के ‘खिलेगा तो देखेंगे’ एक सामूहिक जीवन की कथा कहता है, जिसमें असाधारण शिल्प में बुनी दृश्यावली और कल्पनाशील बिम्बों के द्वारा साधनहीनों और अकसर मूक रहनेवाले लोगों के सुख और दु:ख ख़ुद-ब-ख़ुद सामने आकर अपने आपको दिखाते हैं। यह उपन्यास जो आप को बताता है, आप उससे ज़्यादा महसूस कर पाते हैं जिसका श्रेय विनोद कुमार शुक्ल के जादू जैसे गद्य, उनकी दृष्टि और भाषा को जाता है। प्रकृति इस कथा में जीवन की भी सहचरी है, पीड़ा और प्रसन्नताओं की भी, और उस उम्मीद की भी जिसे विनोद कुमार शुक्ल हर हाल में बचाए रखते हैं।

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