स्वास्थ्य-चिकित्सा >> एचआईवी / एड्स: शताब्दी का सबसे बड़ा धोखा एचआईवी / एड्स: शताब्दी का सबसे बड़ा धोखाकमलेश जैन
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कमलेश जैन ने सहज, सुबोध और जानदार भाषा में ‘एचआईवी/एड्स शताब्दी का सबसे बड़ा धोखा’ नामक पुस्तक लिखकर एड्स के बारे में प्रचारित अनेक मिथकों का राज-रहस्य खोला है
अमेरिकी सत्ता, सूचनातंत्र और बौद्धिक समुदाय के अथक प्रयत्न के कारण आज एड्स सारी दुनिया में चिन्ता और चर्चा का मुख्य विषय बन गया है। भारत में एड्स के बारे में लोगों को जानकारी बहुत कम है, लेकिन अफवाह की तरह उसका प्रसार और प्रभाव बहुत अधिक है। ऐसी स्थिति में कमलेश जैन ने सहज, सुबोध और जानदार भाषा में ‘एचआईवी/एड्स शताब्दी का सबसे बड़ा धोखा’ नामक पुस्तक लिखकर एड्स के बारे में प्रचारित अनेक मिथकों का राज-रहस्य खोला है और उसके झूठ-सच से विशेषज्ञों को ही नहीं सामान्य जनों को भी परिचित कराया है। यह सतर्क सामाजिक संवेदनशीलता और गहरी मानवीय जिम्मेदारी से लिखी गई पुस्तक है। कमलेश जैन की पुस्तक यह साबित करती है कि विज्ञान के क्षेत्रा में विचारधारा किस प्रकार काम करती है और यह भी कि विज्ञान को किस तरह जनविरोधी तथा जनता का पक्षधर बनाया जा सकता है। यह समझना मुश्किल नहीं है कि एड्स के बारे में विभिन्न देशों की सरकारों, गैरसरकारी संगठनों और सूचना साम्राज्य के तंत्रजालों द्वारा जो झूठा सच रोज़-रोज़ बार-बार लगातार प्रचारित किया जा रहा है उसके विरुद्ध कुछ सुनना, समझना और स्वीकार करना आसान नहीं है। लेकिन, जो एड्स सम्बन्धी जानलेवा झूठ से बचना चाहते हैं और अपने जीवन तथा अपने समाज के जीवन में आस्था रखते हैं वे इस पुस्तक को जरूर पढ़ेंगे और इसके संजीवन सच को स्वीकार करेंगे।
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