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क्षमादान
क्षमादान
प्रकाशक :
राजपाल एंड सन्स |
प्रकाशित वर्ष : 2016 |
पृष्ठ :40
मुखपृष्ठ :
पेपरबैक
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पुस्तक क्रमांक : 1393
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आईएसबीएन :9788170284741 |
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5 पाठकों को प्रिय
339 पाठक हैं
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इसमें सात प्रमुख कहानियों का वर्णन किया गया है, बालपयोगी कहानियाँ.....
Kshamadan -A Hindi Book by Vishnu Prabhakar
प्रस्तुत हैं पुस्तक के कुछ अंश
दो शब्द
प्यारे बच्चों ये कहानियाँ छोटे बच्चों के लिए नहीं है बारह वर्ष और उससे अधिक आयु वाले बच्चों के लिए यानि किशोरों के लिए हैं। यह सभी कहानियाँ हमने प्राचीन साहित्य धार्मिक लोक साहित्य में से चुनकर पाँच संग्रहों में संकलित की हैं। एक कहानी ऐतिहासिक युग की भी है। ये सब कहानियाँ हमें हमारी संस्कृति से परिचित कराती हैं। मनुष्य को कैसे रहना चाहिए। उसके कर्तव्य क्या है, इन बातों का हमें अपने जीवन जीने की राह दिखाता है। ‘ब्राह्मण कौन है, हमें क्रोध क्यों नहीं करना चाहिए, और ज्ञान का सही अर्थ क्या है।’ ऐसे सभी प्रश्नों के उत्तर इन कहानियों के द्वारा समझाए गये हैं। जब तुम इन्हें पढ़ोगे तो तुम्हें पता लगेगा।
कई कहानियाँ बडी अनोखी हैं पढ़ना शुरू करोगे तो समझ नहीं पाओगे, लेकिन अन्त में कहानीकार ने जब उन वाक्यों का सही अर्थ बताया है तब पता लगता है कि कितनी सही बात कही गई है। जैसे एक कहानी है, ‘धर्म का रहस्य।’
एक दिन एक परिवार में कम आयु के मुनि भिक्षा मांगने के लिए गये। उन्हें देखकर एक बहू ने कहा ‘‘मुनिवर अभी तो सवेरा है।’’
मुनि उत्तर दिया, ‘‘बहन मुझे काल का पता नहीं चलता।’’
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