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इतिहास और राजनीति >> प्राचीन विश्व का उदय एवं विकास

प्राचीन विश्व का उदय एवं विकास

ओम प्रकाश प्रसाद

प्रकाशक : राजकमल प्रकाशन प्रकाशित वर्ष : 2016
पृष्ठ :568
मुखपृष्ठ : सजिल्द
पुस्तक क्रमांक : 14156
आईएसबीएन :9788126719938

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विज्ञान के साथ-साथ विद्वान इतिहासकार ने इस कृति में समय-समय पर अस्तित्व में आए धर्मों की भी जानकारी दी है।

विश्व-इतिहास का निर्माण जिनलोगों ने किया उन्हें निम्न पशुमानव, निर्धन, अनपढ़, अर्धनग्न, जंगली और आदिवासी के नाम से पहचाना गया। इतिहासकार इन्हें विश्व का आविष्कर्ता और प्रारम्भिक वैज्ञानिक मानते हैं। भारत, मिस्र, मेसापोटामिया, चीन, यूनान, और रोम की सभ्यताओं का उदय और विकास इन्हीं के प्रयासों का परिणाम है। जिस सूत्र से ये सभी सभ्यताएँ परस्पर सम्बद्ध रहीं, वह सूत्र है - विज्ञान इस पुस्तक में मानव-विकास के विभिन्न चरणों पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए जिन पहलुओं पर विशेष दृष्टिपात किया गया है, उनमें विज्ञान और प्रौद्योगिकी प्रमुख है। इस क्रम में पुस्तक यह भी स्पष्ट करती है कि अखिल विश्व में एकता और परस्पर-निर्भरता का आधार सबसे ज्यादा वैज्ञानिक उपकरणों ने तैयार किया। विज्ञान के साथ-साथ विद्वान इतिहासकार ने इस कृति में समय-समय पर अस्तित्व में आए धर्मों की भी जानकारी दी है। पुस्तक के अन्त में दी गई शब्दावली विशेष रूप से उपयोगी है।

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