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प्रागैतिहास

इरफान हबीब

प्रकाशक : राजकमल प्रकाशन प्रकाशित वर्ष : 2022
पृष्ठ :94
मुखपृष्ठ : सजिल्द
पुस्तक क्रमांक : 14157
आईएसबीएन :9788126725182

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यह पुस्तक ‘भारत का लोक-इतिहास’ (पीपुल्स हिस्ट्री ऑफ इंडिया) नामक एक बड़ी परियोजना का हिस्सा है, लेकिन इसे एक स्वतन्त्र पुस्तक के रूप में भी देखा जा सकता है।

इस पुस्तक में उस युग की कहानी है जिस पर लिखित दस्तावेजों से कोई रोशनी नहीं पड़ती। यह पुस्तक ‘भारत का लोक इतिहास’ (पीपुल्स हिस्ट्री ऑफ इंडिया) नामक एक बड़ी परियोजना का हिस्सा है, लेकिन इसे एक स्वतन्त्र पुस्तक के रूप में भी देखा जा सकता है।

तीन अध्यायों की इस पुस्तक के पहले अध्याय में भारत की भूगर्भीय संरचनाओं, मौसम में परिवर्तन तथा प्राकृतिक पर्यावरण (वनस्पति और प्राणी जगत) की उस हद तक चर्चा की गई है, जहाँ तक हमारे प्रागैतिहास और इतिहास को समझने के लिए प्रासंगिक है।

दूसरे अध्याय में मानव जाति की कहानी को पूरी दुनिया के सन्दर्भ में और फिर उसके अन्दर भारत के सन्दर्भ में पेश किया गया है। उसके औजार समूहों में परिवर्तन को औजार निर्माता लोगों के प्रकार के साथ जोड़कर देखा गया है। तीसरा अध्याय मूल रूप से खेती के विकास और उसके साथ-साथ शोषणकारी सम्बन्धों की शुरुआत का वर्णन करता है।

इस पुस्तक में इस बात की कोशिश की गई है कि ताजातरीन सूचनाएँ, उपलब्ध प्रामाणिक ग्रन्थों और पत्रिकाओं से ही उद्धृत की जाएँ। यह भी कोशिश की गई है कि चीजों को ‘लोक लुभावन’ तथा आडम्बरपूर्ण बनाए बगैर शैली को सरलतम रखा जाए। तकनीकी शब्दों के प्रयोग को न्यूनतम रखा गया है और यह भी प्रयास किया गया है कि प्रत्येक तकनीकी शब्द का प्रयोग करते समय वहीं पर उसकी एक परिभाषा प्रस्तुत कर दी जाए। प्रत्येक अध्याय के अन्त में एक पुस्तक सूची टिप्पणी भी दी गई है जहाँ उस विषय पर और अधिक सूचना देनेवाली महत्त्वपूर्ण पुस्तकों और लेखों को संक्षिप्त टिप्पणियों के साथ दर्ज किया गया है।

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