लोगों की राय

कहानी संग्रह >> प्रतिनिधि कहानियाँ : काशीनाथ सिंह

प्रतिनिधि कहानियाँ : काशीनाथ सिंह

काशीनाथ सिंह

प्रकाशक : राजकमल प्रकाशन प्रकाशित वर्ष : 2021
पृष्ठ :151
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 14170
आईएसबीएन :9788126702497

Like this Hindi book 0

ध्वस्त होते पुराने समाज, व्यक्ति-मूल्यों तथा नई आकांक्षाओं के बीच जिस अर्थद्वन्द को जन-सामान्य झेल रहा है, उसकी टकराहटों से उपजी, भयावह अन्तःसंघर्ष को रेखांकित करती हुई ये कहानियों पाठक को सहज ही अपनी-सी लगने लगती हैं।

साठोत्तरी पीढ़ी के जिन प्रगतिशील कथाकारों ने हिंदी कहानी को नई जमीन सौंपने का काम किया, काशीनाथ सिंह का नाम उनमे विशेष महत्त्व रखता है। इस संग्रह में उनकी बहुचर्चित कहानियों शामिल की गई हैं। ध्वस्त होते पुराने समाज, व्यक्ति-मूल्यों तथा नई आकांक्षाओं के बीच जिस अर्थद्वन्द को जन-सामान्य झेल रहा है, उसकी टकराहटों से उपजी, भयावह अन्तःसंघर्ष को रेखांकित करती हुई ये कहानियों पाठक को सहज ही अपनी-सी लगने लगती हैं। इनमे हम वर्तमान राजनितिक ढाँचे के तहत पनप रही मूल्य-भ्रशंता को भी देखते है और जीवन-मूल्यों की पतनशील त्रासदी को भी महसूस करते हैं। समकालीन यथार्थ की गहरी पकड़, भाषा-शैली की सहजता और एक खास किस्म का व्यग्य इस सन्दर्भ में पाठक की भरपूर मदद करता है। वह एक प्रगतिशील मूल्य-दृष्टि को अपने भीतर खुलते हुए पाटा है, क्योंकि काशीनाथ सिंह के कथा-चरित्र विभिन्न विरोधी जीवन-स्थिरियों में पड़कर स्वयं अपना-अपना अंतःसंघर्ष उजागर करते चलते हैं और इस प्रक्रिया में लेखकीय सोच की दिशा सहज ही पाठकीय सोच से एकमेक हो उठती है।

प्रथम पृष्ठ

अन्य पुस्तकें

लोगों की राय

No reviews for this book