इतिहास और राजनीति >> तुगलक कालीन भारत: खंड -1 तुगलक कालीन भारत: खंड -1सैयद अतहर अब्बास रिजवी
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इतिहास के छात्रों, शिक्षकों, शोधार्थियों और इतिहासकारों के साथ-साथ इतिहास में रुचि रखनेवाले आम पाठकों के लिए भी ग्रंथ संग्रहणीय है।
यह ग्रंथ तुगलक़ बादशाहों के महत्त्वपूर्ण कालखंड सन् 1320 से 1351 ई. पर केन्द्रित है। इस दौर में शासन की बागडोर सुल्तान गश्यासुद्दीन और मुहम्मद बिन तुगश्लक़ जैसे बादशाहों के हाथों में थी। यह ग्रंथ उस युग की अत्यन्त महत्त्वपूर्ण और प्रामाणिक जानकारी उपलब्ध कराता है। फ़ारसी, अरबी, अंग्रेज़ी और हिन्दी के विद्वान और इतिहासकार डॉ. सैयद अतहर अब्बास रिजवी ने इस ग्रंथ का संपादन-अनुवाद किया है। उन्होंने इस ग्रंथ में तत्सम्बन्धी अरबी और फ़ारसी में उपलब्ध तमाम ऐतिहासिक दस्तावेज और सामग्रियों का उपयोग किया है जिनमें जिश्याउद्दीन बरनी, एसामी, बद्रे चाच, अमीर ख़ुर्द, इब्ने बत्तूता, शिहाबुद्दीन अल उमरी, यहया, मुहम्मद बिहामद ख़ानी, निजामुद्दीन अहमद, अब्दुल क़ादिर बदायूनी, अली बिन अज़ीजुश्ल्लाह तबातबा, मीर मुहम्मद मासूम और फ़िरिश्ता जैसे विद्वान लेखकों, इतिहासकारों के ग्रंथ शामिल हैं। अनुवाद में फ़ारसी, अरबी के प्रचलित नियमों को, जिनका पालन इतिहासकार करते रहे हैं, ध्यान में रखा गया है। साथ ही आवश्यक टिप्पणियाँ भी जगह-जगह दर्ज कर दी गई हैं ताकि पाठकों को विषय को समझने में सुविधा हो। इतिहास के छात्रों, शिक्षकों, शोधार्थियों और इतिहासकारों के साथ-साथ इतिहास में रुचि रखनेवाले आम पाठकों के लिए भी ग्रंथ संग्रहणीय है।
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