आलोचना >> आदिवासियों की पारम्परिक स्वशासन व्यवस्था एवं पंचायती राज आदिवासियों की पारम्परिक स्वशासन व्यवस्था एवं पंचायती राजसं. सुधीर पाल, रणेन्द्र
|
0 |
झारखण्ड में परम्परागत स्वशासन की परम्परा
झारखण्ड में परम्परागत स्वशासन की परम्परा है। समय के साथ इसके स्वरूप में बदलाव जरूर आया है। लेकिन स्कूल में ग्राम स्तर पर अपना शासन ही रहा। सामुदायिक और सामूहिक भागीदारी इस परम्परागत लोकतान्त्रिक स्वशासन का आधार है। परम्परागत स्वशासी व्यवस्था न सिर्फ राजनैतिक संगठन है, बल्कि सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक और धार्मिक गतिविधियों तथा संसाधनों तक लोगों की पहुँच और संसाधनों को गाँव के हित में इस्तेमाल करने का एक निकाय भी है। तकरीबन सभी जनजातीय गाँवों में किसी-न-किसी रूप में स्वशासी व्यवस्था कायम है। परम्परागत प्रधान हैं और तमाम विपरीत परिस्थितियों के बाद भी परम्परागत स्वशासी व्यवस्था आज भी विद्यमान है।
|