जीवनी/आत्मकथा >> सत्य के प्रयोग सत्य के प्रयोगमहात्मा गाँधी
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my experiment with truth का हिन्दी रूपान्तरण (अनुवादक - महाबीरप्रसाद पोद्दार)...
Satya ke Prayog by Mohandas Karamchanc Gandhi
गांधी जी ने जीवन पर्यन्त सत्य की साधना की। उनके लिए सत्य ही ईश्वर का पर्याय था। इसकी प्राप्ति के लिए किए गए उनके प्रयास ही सत्य के लिए किए गए प्रयोग बने। फिर भी उनकी विनती थी कि उनके लेखों को प्रमाणभूत न माना जाए। उनके प्रयोगों को दृष्टान्त रूप मानकर सब अपने-अपने प्रयोग यथाशक्ति और यथामति करें। गांधी जी ने कहा था : ‘‘मेरा विश्वास है कि मेरी आत्मकथा के लेखों से पाठकों को बहुत कुछ मिल सकता है।’’ यह पुस्तक राष्ट्रपिता की कार्यपद्धति की महानता के साथ जीवन को समझने में अमूल्य सिद्ध होगी।
- सत्य के प्रयोग
-
- प्रस्तावना
- जन्म
- बचपन
- बाल-विवाह
- पतित्व
- हाईस्कूल में
- दुखद प्रसंग-1
- दुखद प्रसंग-2
- चोरी औरप्रायश्चित
- पिता कीमृत्यु और मेरी दोहरी शरम
- धर्म कीझांकी
- विलायत कीतैयारी
- जाति से बाहर
- आखिर विलायतपहुँचा
- मेरी पसंद
- 'सभ्य' पोशाकमें
- फेरफार
- खुराक केप्रयोग
- लज्जाशीलता मेरी ढाल
- असत्यरूपी विष
- धर्मों कापरिचय
- निर्बल के बलराम
- नारायण हेमचंद्र
- महाप्रदर्शनी
- मेरी परेशानी
- रायचंदभाई
- संसार-प्रवेश
- पहला मुकदमा
- पहला आघात
- दक्षिण अफ्रीका की तैयारी
- नेटाल पहुँचा
- अनुभवों कीबानगी
- प्रिटोरिया जाते हुए
- अधिक परेशानी
- प्रिटोरिया में पहला दिन
- ईसाइयों सेसंपर्क
- हिन्दुस्तानियों से परिचय
- कुलीनपन काअनुभव
- मुकदमे कीतैयारी
- धार्मिक मन्थन
- को जाने कल की
- नेटाल में बसगया
- रंग-भेद
- नेटाल इंडियनकांग्रेस
- बालासुंदरम्
- तीन पाउंड काकर
- धर्म-निरीक्षण
- घर कीव्यवस्था
- देश की ओर
- हिन्दुस्तान में
- राजनिष्ठा औरशुश्रूषा
- बम्बई में सभा
- पूना में
- जल्दी लौटिए
- तूफ़ान कीआगाही
- तूफ़ान
- कसौटी
- शान्ति
- बच्चों की सेवा
- सेवावृत्ति
- ब्रह्मचर्य-1
- ब्रह्मचर्य-2
- सादगी
- बोअर-युद्ध
- सफाई आन्दोलनऔर अकाल-कोष
- देश-गमन
- देश में
- क्लर्क औरबैरा
- कांग्रेस में
- लार्ड कर्जनका दरबार
- गोखले के साथएक महीना-2
- गोखले के साथएक महीना-3
- काशी में
- बम्बई मेंस्थिर हुआ
- धर्म-संकट
- फिर दक्षिणअफ्रीका में
- किया-कराया चौपट
- एशियाई विभागकी नवाबशाही
- कड़वा घूंटपिया
- बढ़ती हुईत्यागवृति
- निरीक्षण कापरिणाम
- निरामिषाहार के लिए बलिदान
- मिट्टी औरपानी के प्रयोग
- एक सावधानी
- बलवान सेभिड़ंत
- एक पुण्यस्मरण और प्रायश्चित
- अंग्रेजों कागाढ़ परिचय
- अंग्रेजों सेपरिचय
- इंडियन ओपीनियन
- कुली-लोकेशन अर्थात् भंगी-बस्ती
- महामारी-1
- महामारी-2
- लोकेशन कीहोली
- एक पुस्तक काचमत्कारी प्रभाव
- फीनिक्स कीस्थापना
- पहली रात
- पोलाक कूदपड़े
- जाको राखेसाइयां
- घर मेंपरिवर्तन और बालशिक्षा
- जुलू-विद्रोह
- हृदय-मंथन
- सत्याग्रह कीउत्पत्ति
- आहार के अधिकप्रयोग
- पत्नी कीदृढ़ता
- घर मेंसत्याग्रह
- संयम की ओर
- उपवास
- शिक्षक केरुप में
- अक्षर-ज्ञान
- आत्मिक शिक्षा
- भले-बुरे कामिश्रण
- प्रायश्चित-रुप उपवास
- गोखले से मिलन
- लड़ाई मेंहिस्सा
- धर्म कीसमस्या
- छोटा-सा सत्याग्रह
- गोखले कीउदारता
- दर्द के लिएक्या किया
- रवानगी
- वकालत के कुछस्मरण
- चालाकी
- मुवक्किल साथी बन गये
- मुवक्किल जेलसे कैसे बचा
- पहला अनुभव
- गोखले के साथपूना में
- क्या वह धमकीथी
- शान्तिनिकेतन
- तीसरे दर्जेकी विडम्बना
- मेरा प्रयत्न
- कुंभ मेला
- लक्षमण झूला
- आश्रम कीस्थापना
- कसौटी परचढ़े
- गिरमिट कीप्रथा
- नील का दाग
- बिहारी कीसरलता
- अंहिसा देवीका साक्षात्कार
- मुकदमा वापसलिया गया
- कार्य-पद्धति
- साथी
- ग्राम-प्रवेश
- उजला पहलू
- मजदूरों केसम्पर्क में
- आश्रम कीझांकी
- उपवास -खेड़ा-सत्याग्रह
- 'प्याज़चोर'
- खेड़ा कीलड़ाई का अंत
- एकता की रट
- रंगरूटों कीभरती
- मृत्यु-शय्या पर
- रौलट एक्ट औरमेरा धर्म-संकट
- वह अद्भुतदृश्य
- वह सप्ताह - 1
- वह सप्ताह - 2
- 'पहाड़-जैसी भूल'
- 'नवजीवन' और'यंग इंडिया'
- पंजाब में
- खिलाफ़त केबदले गोरक्षा
- अमृतसर कीकांग्रेस
- कांग्रेस मेंप्रवेश
- खादी का जन्म
- चरखा मिला !
- एक संवाद
- असहयोग काप्रवाह
- नागपुर मेंपूर्णाहुति
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