लोगों की राय

जीवनी/आत्मकथा >> सत्य के प्रयोग

सत्य के प्रयोग

महात्मा गाँधी

प्रकाशक : डायमंड पॉकेट बुक्स प्रकाशित वर्ष : 2009
पृष्ठ :390
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 1530
आईएसबीएन :9788128812453

Like this Hindi book 3 पाठकों को प्रिय

160 पाठक हैं

my experiment with truth का हिन्दी रूपान्तरण (अनुवादक - महाबीरप्रसाद पोद्दार)...


पाठक समझ ले कि यह पत्र मैंने क्षणभर में नहींलिख डाला था। न जाने कितने मसविदे तैयार किये होगें। पर यह पत्र भेज कर मैंने अपने सिर का एक बड़ा बोझ उतार डाला। लगभग लौटती डाक से मुझे उसविधवा बहन का उत्तर मिला। उसने लिखा था :

'खुले दिल से लिखा तुम्हार पत्र मिला। हम दोनो खुश हुई और खूब हँसी। तुमने जिस असत्य से कामलिया, वह तो क्षमा के योग्य ही हैं। पर तुमने अपनी सही स्थिति प्रकट कर दी यह अच्छा ही हुआ। मेरा न्योता कायम हैं। अगले रविवार को हम अवश्य तुम्हारीराह देखेंगी, तुम्हारे बाल-विवाह की बाते सुनेंगी और तुम्हार मजाक उड़ाने का आनन्द भी लूटेंगी। विश्वास रखो कि हमारी मित्रता तो जैसी थी वैसी हीरहेगी।'

इस प्रकार मैंने अपने अन्दर घुसे हुए असत्य के विष कोबाहर निकाल दिया और फिर अपने विवाह आदि की बात करने में मुझे कही घबराहटनहीं हुई।

...Prev | Next...

<< पिछला पृष्ठ प्रथम पृष्ठ अगला पृष्ठ >>

अन्य पुस्तकें

लोगों की राय

No reviews for this book