इतिहास और राजनीति >> ताजमहल मन्दिर भवन है ताजमहल मन्दिर भवन हैपुरुषोत्तम नागेश ओक
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पी एन ओक की शोघपूर्ण रचना जिसने इतिहास-जगत में तहलका मचा दिया...
ताजमहल की इस शिल्प-रेखाकृति की हिन्दू मन्दिर के साथ यह समानता पूर्वोद्धृत, महान् ब्रिटिश शिल्पशास्त्री हेवेल के इस निष्कर्ष से साम्य रखती है कि ताजमहल हिन्दू संरचना है। अत: पाठकों को इस बात में सन्देह नहीं करना चाहिए कि ताजमहल हिन्दू शिल्पशास्त्र की विशिष्टताओं के अनुरूप बना हुआ प्राचीन हिन्दू राजभवन है। बादशाहनामे में भी यह स्वीकार किया गया है कि यह गुम्बदयुक्त प्रासाद था।
सामने के उद्यान का क्षेत्रफल संगमरमर के ताजप्रासाद के संरचना-क्षेत्र से दुगुना है। यह वह उल्लेख है जिसे विसेंट स्मिथ (अपनी पुस्तक 'अकबर दि ग्रेट मुगल' के पृष्ठ ९ पर) उद्यानवाले प्रासाद के रूप में करता है जिसमें प्रथम मुगल बादशाह बाबर की मृत्यु १५३० में अर्थात् शाहजहाँ की पत्नी (मुमताज़) की मृत्यु से एक शती पूर्व हुई थी।
इसी प्रासाद का बाबर ने अपने संस्मरणों में उल्लेख करते हुए लिखा है, "श्रेष्ठ स्तम्भों से सुसज्जित और मध्य में गुम्बद से युक्त।"
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- प्राक्कथन
- पूर्ववृत्त के पुनर्परीक्षण की आवश्यकता
- शाहजहाँ के बादशाहनामे को स्वीकारोक्ति
- टैवर्नियर का साक्ष्य
- औरंगजेब का पत्र तथा सद्य:सम्पन्न उत्खनन
- पीटर मुण्डी का साक्ष्य
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