लोगों की राय

धर्म एवं दर्शन >> तमसो मा ज्योतिर्गमय

तमसो मा ज्योतिर्गमय

सावित्री देवी

प्रकाशक : सावित्री देवी प्रकाशित वर्ष : 2017
पृष्ठ :48
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 15368
आईएसबीएन :0

Like this Hindi book 0

यह पुस्तिका जनमानस को अज्ञान के इस अंधकार से ज्ञान के प्रकाश की ओर ले जाने का एक प्रयास है

प्राक्कथन

वर्तमान युग में एक ओर हमारे वैज्ञानिक हर क्षेत्र में नये-नये आविष्कारों की खोज में लगे हैं, खगोलविद् नये ग्रहों की खोज कर रहे हैं दूसरी ओर हमारे देश में अन्धविश्वासों की बाढ़ सी आ गई है। किसी को शनि की ढैया, किसी को शनि की साढ़े साती, किसी को चन्द्रमा भारी, तो किसी को कालसर्प दोष बताया जा रहा है। और उसकी शान्ति के उपाय बताये जा रहे हैं। अनेकों तान्त्रिक राजनेताओं के बंगलों के आसपास चक्कर लगा रहे हैं कि शायद उनके जाल में कोई मछली फँस जाय। उधर मछली भी फँसने को तैयार बैठी है, शायद कोई तान्त्रिक किसी तन्त्र-मन्त्र से उनको सत्ता के चरम उत्कर्ष पर ले जाय। ग्रह मुहूर्त देखकर नामांकन पत्र भरे जाते हैं। टी.वी. चैनलों पर नये-नये गुरुओं के प्रचार तंत्र चल रहे हैं। मूंगा, मोती, नीलम, हीरा व्यक्ति की राशि देखकर पहने जाते हैं। हम सोचते हैं कि शायद किसी हीरा, मोती, माणिक के पहनने से हमारा भाग्य पलट जाय, पुरुषार्थ न करना पड़े बस कोई चमत्कार हो जाय।

जब पुरुष वर्ग दफ्तर या कचहरी चले जाते हैं तब तांत्रिक अथवा ठग सोना साफ करने या सोना दुगुना करने के बहाने आते हैं और पढ़ी-लिखी समझदार महिलाओं तक को भी मूर्ख बना कर ठग कर चले जाते हैं। विदेशी वस्तुओं के आयात के साथ फेंगशुई जैसे अनेक अंधविश्वासों का भी आयात हो रहा है। तान्त्रिकों द्वारा निःसंतान दम्पत्तियों को संतान प्राप्ति का प्रलोभन देकर आज भी कहीं-कहीं बच्चे की बलि तक करवा दी जाती है। जनता भ्रमित है।

यह पुस्तिका जनमानस को अज्ञान के इस अंधकार से ज्ञान के प्रकाश की ओर ले जाने का एक प्रयास है। असत्य के खंडन तथा सत्य के प्रतिपादन करने में महर्षि दयानन्द सरस्वती के समान कोई निर्भीक समाज सुधारक हमारे देश में नहीं हुआ। उनके विचारों एवं कार्यों से भी आज की पीढ़ी अनिभज्ञ है।

प्रकाशन के लिये श्रीमती शशि सिंह बिसेन की मैं अत्यन्त आभारी हूँ। यह मेरी फुफेरी सास श्रीमती गोमती देवी की पौत्र वधू हैं। विचारों में भी उतनी ही आधुनिक है जितनी शिक्षा में।

- सावित्री देवी

प्रथम पृष्ठ

अन्य पुस्तकें

लोगों की राय

No reviews for this book

A PHP Error was encountered

Severity: Notice

Message: Undefined index: mxx

Filename: partials/footer.php

Line Number: 7

hellothai