नई पुस्तकें >> कहानी चाँद पे लिखना कहानी चाँद पे लिखनाप्रेम कृष्ण तिवारी अजनबी
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हिन्दी कवितायें, गीत एवं गजलें
अन्तर्मन की अभिव्यक्ति : गीत-ग़ज़ल
कवि जब अपनी रचनाधर्मिता को अपनी वाङ्गमयिता से कागज पर अंकित करता है तब उसके गीत-ग़ज़ल, छन्द, कवित्त आदि आनन्द का सुयोग प्राप्त करते हैं। अन्तर्मन में एक लय रूपक बनती है वह कहानी का ताना-बाना होती है, वह भावप्रधान कहानी के स्वरूप में होती है। उस रूपक को गद्य अथवा पद्य में रचना स्वधर्म होता है। रचनाकार के व्यक्तित्व की झलक उसकी रचनाधर्मिता में देखी जा सकती है।
कविता के बिना व्यक्ति रह ही नहीं सकता, वह संगीत साध्य व लयात्मकता सर्वप्रिय होती है। कविता व्यष्टि से समष्टि की सुखद तृप्ति की भाव यात्रा है। कल्पना, सत्यानुभूति की सजग, सशक्त और उत्कृष्ट मनोरम अभिव्यक्ति है। जब तक मनुष्य के मुख में वाणी की शोभा है गीत गाये जाते रहेंगे। रचनाकार अपनी रचनाओं में भोगा व देखा हुआ यथार्थ, सामाजिक व्यवस्था, हर्ष-विषाद के ताने-बाने के साथ संगति-विसंगति को लिपिबद्ध करता है। कवि की बहुआयामी प्रतिभा का, बहुभाषाविज्ञता का और भावों, विचारों की विशिष्टता लिये ‘कहानी चाँद पे लिखना’ में दर्शित है। बहुत ही सहज ढंग से ‘कहानी चाँद पे लिखना’ लिख गया परन्तु यह कार्य सहज सम्भव नहीं होता, कल्पनालोक तो कल्पनालोक ही है। यहाँ रचनाकार के चाँद को जानना होगा तब कवि श्री प्रेम कृष्ण तिवारी के अन्तरमन में उठती-गिरती समुद्र की हिलोरों के निकट तक पहुँचा जा सकता है।
पुस्तक में अनेक गीत-ग़ज़ल हैं इनमें यौवन सुलभ प्रेम की मीठी मीठी आग है, प्रकृति के उपादानों द्वारा ह्रदय का उत्फुल्ल करुण निवेदन है, विसंगतियों का ज्वार व इनमें अन्तर्मन की एकान्तिक पुकार है जो कवि की भाव सम्पदा है।
इनके गीत-ग़ज़ल अन्तर्मन की अभिव्यक्ति तो हैं ही, उनमें भाव विभोर करने की अपार क्षमता है, कवि का कंठ भी सुरीला है, प्रभावी है। क्षमतावान व्यक्ति हैं। यह सब उसी को मिलता है जो सहज और सरल होता है, प्रभु भी उसी के साथ होते हैं।
हम जब अपनी भावनाओं को काव्य में निरूपित करते हैं तो आत्म तृप्ति मिलती है। पुस्तक व रचनाकार को साहित्यिक जगत में भरपूर स्नेह व सम्मान मिले यही कामना है।
विकासिका
(साहित्यिक संस्था)
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