लोगों की राय

यात्रा वृत्तांत >> इतिहास और प्रकृति…दोनों

इतिहास और प्रकृति…दोनों

गोविन्द मिश्र

प्रकाशक : अमन प्रकाशन प्रकाशित वर्ष : 2017
पृष्ठ :160
मुखपृष्ठ : सजिल्द
पुस्तक क्रमांक : 15689
आईएसबीएन :9789385476853

Like this Hindi book 0

5 पाठक हैं

‘‘हिमालय की दिव्यता के साथ-साथ इस वीरान में समय की रेंग भी बराबर महसूस होती रही, बिंसर में चांदवंशियों और गोरखों के राज से लेकर रैम्से और मार्टिन की कमिश्नरी तक, खाली स्टेट की खाली इमारत में स्वतंत्रता संग्राम की सुगबुगाहट भी। एक छोटी-सी जगह में इतिहास और प्रकृति. ...दोनों। इतिहास किताबों का नहीं जो लिखा या लिखाया जाता है और जो हमेशा संदिग्ध होता है...बल्कि वह जो धरती की पहली पर्त से ही मुंह उठाता है, जरा-सा सुरचा कि..। इतिहास दबा-दबा...लेकिन प्रकृति सिर ऊंचा किये खड़ी।’’

बिंसर हो या कालपी या शिवपुरी ...गोविन्द मिश्र की यात्राओं में यह दबा-दबा ही अपना सिर उठाता है, जिससे प्रकृति के वर्णनों से सराबोर यात्रा-वृत्तों में एक अपनी तरह की छौंक लग जाती है, एक महक-सी उठती है। नीचे समय की रेंग की मद्धिम थप..थप है सब लेखक की यात्राओं को हमारे अपने अनुभवों में परिवर्तित कर देती है जैसे लेखक नहीं, हम ये यात्राएं कर रहे हैं।

उपन्यासों, कहानियों के अलावा गोविन्द मिश्र अपनी यात्राओं के लिए भी एक विशिष्ट नाम है। पूर्वप्रकाशित उनकी पांच यात्रा पुस्तकें खासी चर्चित हुई हैं। यात्रा की उनकी इस छठी पुस्तक में संकलित है उनके नवीनतम यात्रावृत्त, देश-विदेश दोनों के।

प्रथम पृष्ठ

अन्य पुस्तकें

लोगों की राय

No reviews for this book

A PHP Error was encountered

Severity: Notice

Message: Undefined index: mxx

Filename: partials/footer.php

Line Number: 7

hellothai