भाषा एवं साहित्य >> बच्चों को प्यार दें बच्चों को प्यार देंडॉ. मंजू देवी
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बच्चे मानवीय दुनिया की अनमोल कृति हैं। बच्चे आगे चलकर देश के एक अनुशासित और सकारात्मक नागरिक बन सकें, इसके लिए बाल्यपन से ही उनके व्यक्तित्व को सँवारना जरूरी है। इसके लिए उन्हें दुलारना, स्पर्श करना, मीठे बोल बोलना, हँसना, गुदगुदाना आदि बेहद जरूरी है। उनकी जिज्ञासा, सब कुछ जानने के प्रयास और निरीक्षण के गुणों का यदि ठीक तरीके से इस्तेमाल किया जा सके तो बच्चा शारीरिक और मानसिक दोनों तरीके से स्वस्थ विकास करता है। यह पुस्तक ऐसे ही विषयों पर विमर्श करते हुए स्कूल में बच्चों की मनोवैज्ञानिक समस्याओं, समाज के साथ सामंजस्य बैठाने की प्रक्रिया, लैंगिक भेदभाव, प्यार के अभाव में हिंसक होते बच्चे आदि ज्वलंत मुद्दों पर सार्थक जानकारी देती है।
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