यात्रा वृत्तांत >> कश्मीर दर्पण कश्मीर दर्पणसकीना अख्तर
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महान ऋषि-मुनियों एवं सूफी-संतों की भूमि कश्मीर सदियों से भारत का मुकुट रहा है। इसे ‘धरती का स्वर्ग’ भी कहा जाता है। कश्मीर की खूबसूरती इसलिए भी है कि इस जमीन को ऋषि-मुनियों एवं सूफी-संतों ने अपने कर्म एवं सृजन-साधना से समृद्ध तथा रौशन किया है। अगर यह कहा जाए कि कश्मीर के कण-कण में सूफी काव्य, गीतिकाव्य एवं लोक साहित्य बिखरा पड़ा है तो अतिशयोक्ति नहीं होगी। कश्मीर में संगीत की भी एक सुंदर और सुदीर्घ परंपरा चली आ रही है।
यह पुस्तक हमें कश्मीर की संस्कृति, साहित्य और संगीत की महान परंपरा से रू-ब-रू कराने का एक लघु प्रयास है। पुस्तक की लेखिका चूँकि स्वयं एक कश्मीरी हैं उन्होंने भारत के इस मुकुट प्रांत के साहित्य-संस्कृति-संगीत क्षेत्र की अनेक ज्ञात-अल्पज्ञात शख्सियतों एवं उनकी आध्यात्मिक यात्रा तथा लोकजीवन से जुड़ी कथाओं को अपनी लेखनी के माध्यम से प्रस्तुत करने का स्तुत्य प्रयास किया है। कुल मिलाकर यह पुस्तक मानवता, प्रेम तथा सर्वधर्म समभाव का संदेश देती है।
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