भाषा एवं साहित्य >> हमारे परिचित पक्षी हमारे परिचित पक्षीसालिम अली
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पक्षी विज्ञान या पक्षियों का अध्ययन प्राकृतिक इतिहास का एक ऐसा विषय है, जिसमें लोगों की रुचि लगातार बढ़ रही है और इसका श्रेय मुख्यतया डॉ. सालिम अली की लिखी पुस्तकों को जाता है। सालिम अली उन गिने-चुने वैज्ञानिकों में से थे जिनमें सामान्य पाठक तक अपनी बात पहुँचाने को अद्भुत क्षमता थी। चार दशकों से भी अधिक लंबे समय तक भारतीय पक्षी-जीवन के अध्ययन पर आधारित डॉ. सालिम अली की लिखी पुस्तकों एवं अनुसंधान ने उन्हें भारतीय पक्षियों के संबंध में अंतर्राष्ट्रीय स्तर का विशेषज्ञ बना दिया। उन्हें अपने जीवनकाल में ही भारत सरकार एवं कई संबद्ध विदेशी संस्थाओं द्वारा अनेक बार सम्मानित किया गया।
पुस्तक की सह-लेखिका लाइक फतेहअली को प्रकृति के प्रति असीम प्रेम रहा। उन्होंने स्वतंत्र रूप से अनेक सांस्कृतिक पत्र-पत्रिकाओं में लेखकीय योगदान दिया। औद्योगिक केंद्रो के नीरस वातावरण को सुंदर तथा मनुष्य एवं पशु-पक्षियों के रहने लायक बनाना उनका सबसे बड़ा श्रेय रहा। उन्होंने अंग्रेजी भाषा सीखने के इच्छुक लोगों के लिए ‘इंग्लिश रीडर' तथा नन्हे मुन्नों के लिए 'एबाउट इंडियन बर्ड्स' जैसी पुस्तकें लिखीं।
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