नई पुस्तकें >> उत्तराखंड उत्तराखंडचित्रा फुलोरिया
|
0 5 पाठक हैं |
प्राकृतिक, सांस्कृतिक एवं धार्मिक रूप से समृद्ध उत्तराखंड संपूर्ण भारतवर्ष का गौरव है। हिमालय भारत का मुकुट है, भारत का भाल है। यह हमारी सीमा का सजग प्रहरी, भारतीय दर्शन एवं आध्यात्मिक चिंतन-मनन का साक्षी भी है। इसके साथ-साथ आज हिमालय भारत का एक विशाल जल भंडार भी है। रजतमय पर्वत कंदराओं से कलकल निनाद करती गंगा, यमुना, भागीरथी एवं अन्य नदियों का केवल धार्मिक महत्व नहीं है बल्कि ये भारत के विकास की सूत्रधार भी हैं। नौ नवंबर 2000 को भारत के 27वें राज्य के रूप में अस्तित्व में आया यह राज्य सन् 2006 तक उत्तराँचल कहलाता था। यहाँ की प्रकृति अपनी गोद में अनेक रहस्य समेटे हुए है। सीढ़ीनुमा खेत, विशालकाय पर्वतों को काटकर बनाई गईं सर्पों की तरह लहराती-बलखाती सड़कें, अनंत पहाड़ियों से अनवरत बहती जलधाराएँ, एक ही स्थान पर प्रवाहित होता शीतल और गरम जल आश्चर्यचकित करता है। हरे-भरे जंगल, मखमली बुग्याल और रंग-बिरंगे फूलों की ओढ़नी ओढ़े प्रकृति, मानव मात्र को अपनी टेढ़ी-मेढ़ी पगडंडियों पर चल पड़ने को आमंत्रण देती प्रतीत होती है। वैदिक और पौराणिक काल से ही यह क्षेत्र देवभूमि के नाम से विख्यात है। यहाँ हरिद्वार, बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री, हेमकुंड, नानकमत्ता, मीठा-रीठा साहिब आदि पवित्र तीर्थ स्थल विद्यमान हैं। यह पुस्तक उत्तराखंड राज्य के भौगोलिक, सामाजिक, आर्थिक, प्राकृतिक, राजनीतिक, शैक्षिक, पर्यटन आदि पक्षों का तथ्यात्मक दस्तावेज है।
|