स्वास्थ्य-चिकित्सा >> वैद्य सहचर वैद्य सहचरपं. विश्वनाथ द्विवेदी
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प्रकाशकीय निवेदन
प्रस्तुत पुस्तक ‘‘वैद्य सहचर’’ के लेखक श्रीयुत आचार्य विश्वनाथ जी द्विवेदी जामनगर आयुर्वेद शोधसंस्था के सफल संचालक रहे तथा वर्तमान समय में वाराणसी में आयुर्वेदीय शोध कार्यों का संचालन कर रहे हैं। आप औषधि विज्ञान के पूर्ण ज्ञाता और अधिकारी लेखक है। आपका लिखा हुआ प्रसिद्ध ग्रन्थ ‘‘औषधि विज्ञानशास्त्र’’ कुछ ही समय पहले बैद्यनाथ आयुर्वेद भवन द्वारा प्रकाशित किया गया है। आयुर्वेद के चिकित्सकों, औषधि निर्माताओं, विक्रेताओं, अध्यापकों एवं विद्वान् वैद्यों ने इस ग्रन्थ की बहुत प्रशंसा की है।
इन्हीं श्री विश्वनाथ जी द्विवेदी का यह “वैद्य सहचर” नामक ग्रन्थ लगभग १० वर्ष से अप्राप्य था। उनकी यह पुस्तक बिना किसी विज्ञापन तथा प्रचार के इतनी लोकप्रिय हुई कि अल्प समय में ही इसके चार संस्करण निकल गये। बाद में यह पुस्तक वैद्यों द्वारा बहुत दिनों से माँगी जा रही थी। मैंने आग्रह करके श्री द्विवेदी से इस पुस्तक का संशोधित संस्करण तैयार कराया। श्री द्विवेदी जी ने पिछले १० वर्षो में जो नये अनुभव प्राप्त किये, उन सबको इस पुस्तक में सम्मिलित किया तथा नई विधि से पुस्तक को फिर से लिखा है। अब यह पुस्तक बिल्कुल नये रूप में आप लोगों के सामने प्रस्तुत हैं।
यद्यपि प्रकाशन का खर्च बहुत बढ़ गया है तो भी आयुर्वेद जगत की सेवा की भावना से इस पुस्तक का मूल्य लागत-मात्र रखा गया है। बैद्यनाथ के अन्य सभी प्रकाशन इसी भावना से आयुर्वेद की समृद्धि के लिए कम से कम मूल्य पर प्रकाशित किये गये हैं।
आशा है वैद्य बन्धु इससे लाभान्वित होंगे तथा यह अनुभव करेंगे कि आचार्य श्री यादवजी महाराज के सिद्धयोग संग्रह की भाँति यह ग्रन्थ भी बहुत मूल्यवान है।
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