आलोचना >> काव्य भाषा काव्य भाषाडॉ. सियाराम तिवारी
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‘काव्यभाषा’ में डॉ. तिवारी के साहित्य शास्त्र सम्बन्धी वैदुष्य की छाप अंकित है। सम्भवतः इस विषय पर इतने विस्तार तथा विद्वत्तापूर्ण समीक्षण-संवलित, विश्लेषणात्मक प्रस्तुति की यह एक अनन्य कृति है, जो भारतीय साहित्य शास्त्र के आधुनिक अध्ययनक्षेत्र में एक नवीन प्रतिमान स्थापित करती है। अपने मन्तव्य को स्पष्ट करने की तथा विद्वानों के विचारों को समीक्षात्मक शैली में निरूपित करने की लेखक की प्रणाली ऐसी महज एवं हृदयगम्य है जिससे शुष्क एवं दुरूह प्रतिपाद्य विषय भी सुकर एवं सुगम प्रतीत होता है।
– हिन्दी-अनुशीलन (इलाहाबाद) वर्ष 28, अंक 1-4 संयुक्तांक
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