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मेनका

त्रिवेणी प्रसाद त्रिपाठी

प्रकाशक : भारतीय साहित्य संग्रह प्रकाशित वर्ष : 2021
पृष्ठ :144
मुखपृष्ठ : सजिल्द
पुस्तक क्रमांक : 15881
आईएसबीएन :9781613016985

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मेनका और विश्वामित्र की कथा

मेनका खण्ड काव्य पं. त्रिपाठी की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर लिखी गयी एक ऐसी रचना है जिसमें स्वर्ग और पृथ्वी के बीच सदा से चली आ रही वर्चस्व के संघर्ष की कथा है। इन्द्र जो स्वर्ग का अधिपति है सदा ही मनुष्य द्वारा किए गए उत्तम कार्यों में बाधा उत्पन्न करता रहा है और अपनी शक्ति का प्रदर्शन एवं दुरुपयोग करता रहा। परन्तु मानव ने जो संघर्षशील है, कर्म और कठिन परिश्रम रूपी तपस्या का पूजक है, उसके प्रत्येक अतिचार का पूरी क्षमता और साहस के साथ प्रतिक्रार किया है। साथ ही एक नई कथा को जन्म भी दिया है जो भविष्य में बहुत बड़े इतिहास की रचना का स्रोत बना है। मेनका अप्सरा का पृथ्वी पर आना ही एक बहुत बड़े राज-वंश सहित कई ऐसे प्रतापी महापुरुषों के आविर्भाव का कारण बना जो कालांतर में महाभारत जैसी घटना को जन्म देकर अधर्म का विनाश और धर्म की स्थापना का मूल कारक बना।

आशा है पाठकों कहो यह पुस्तक आकर्षित करेगी और पसंद आएगी।

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