पत्र एवं पत्रकारिता >> मीडियानगर 03 : नेटवर्क संस्कृति मीडियानगर 03 : नेटवर्क संस्कृतिराकेश कुमार सिंह
|
0 5 पाठक हैं |
मीडियानगर 03 : नेटवर्क संस्कृति
अनुक्रम | |||||
भूमिका | |||||
सिने-माहौल | |||||
1 | ख़ौफ़ का उन्माद : सिनेमा की शहरी बेचैनी | रवि वासुदेवन | |||
2 | बौराई-सी खुशबू और प्रसून जोशी की कबीराई | मिहिर | |||
3 | ये मेरा घर, ये फिल्मी घर | देवश्री मुखर्जी | |||
संगीत संस्कृति | |||||
4 | हरियाणा में कैसेट संस्कृति | दीपक काद्यान | |||
5 | बसंत अब दूर नहीं : खेलों के शहर में संगीत का मेला | नरेश कुमार | |||
नेटवर्क | |||||
6 | नेटवर्किंग के सिद्धांत : आलोचनात्मक इंटरनेट संस्कृति/कुछ अवधारणाएँ | गीयर्ट लोविंक | |||
7 | कला कर्म पर X टीके : जालीय दुनिया की ज़िद्दी संरचनाएँ | रक्स मीडिया कलेक्टिव | |||
8 | वैश्विक शहर में ई-स्पेस का मुहावरा | सास्किया सासेन | |||
वीडियोलीला | |||||
9 | गुरिल्ला न्यूज़ नेटवर्क : डिजिटल डॉक्युमेंट्री का नया आयाम | स्टीफ़न मार्श | |||
10 | ज़ाकिरनगर की गलियों से गुज़रते हुए | ख़दीजा आरिफ़ | |||
11 | क्या असली रहमत भाई ज़रा सामने आएँग | अंकुर खन्ना | |||
12 | पाकिस्तान, इरान और इराक में हिन्दी फ़िल्मों का स्मग्लर | मयूर सुरेश | |||
मीडियाचार | |||||
13 | नागरिक पत्रकारिता की दस्तक | आनंद प्रधान | |||
14 | शांतिकाल ? | अरूंधति रॉय | |||
15 | मैं एक पॉलिटिकल फिल्ममेकर हूँ | संजय काक | |||
पर्दे पर ख़बर | |||||
16 | ब्रेकिंग न्यूज़ का कालचक्र | आसीम ख़ाँ | |||
17 | ‘वर्दी में जल्लाद’ अर्थात् निजी खबरिया चैनलों की भाषा | विनीत कुमार | |||
18 | तू गलियों का राजा, मैं महलों की रानी उर्फ रमोला की प्रेम कहानी | राहुल पंडिता | |||
इश्तहारनामा | |||||
19 | सैल्वोज़ ऐडवर्टाइजिंग | आनंद विवेक तनेजा | |||
20 | एक रिसर्चर की डायरी | प्रभाष रंजन | |||
21 | बगैर उन्वान के | राकेश कुमार सिंह + भगवती प्रसाद + अंशु मालवीय | |||
कानूनी निज़ाम | |||||
22 | ‘पायरेसी के दो बड़े बाजार हिन्दुस्तान और चीन हैं’ | जवाहर राजा | |||
23 | पायरेसी का नवाचार | मेंसो ह्यूज | |||
इबारत-ए-शहर | |||||
24 | विभाजन की दैनिक हकीकत : 1940 के दशक में कानपुर की अख़बारी राजनीति | सौम्या गुप्ता | |||
25 | हिन्दी जासूसी उपन्यास : इक सफ़र | कमल कुमार मिश्रा | |||
26 | लखनऊ, मेरा चौक ! | देवेन्द्र चौबे | |||
इतिहास-प्रकाश | |||||
27 | रौशनी का रंगमंच | वोल्फगांग शिवेलबुश | |||
फ़ील्ड नोट्स | |||||
28 | जूनियर आर्टिस्ट भर्ती फ़ॉर्म | देबश्री मुखर्जी | |||
29 | नेहरू प्लेस के नज़ारे | राकेश कुमार सिंह |
|
अन्य पुस्तकें
लोगों की राय
No reviews for this book