कविता संग्रह >> रामभक्त मणिकुण्डल कवितावली रामभक्त मणिकुण्डल कवितावलीउमा शंकर गुप्ता
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महाराजा मणिकुण्डल के कथामृत का काव्य संग्रह
पुस्तकें मानव जीवन को उत्कृष्ठ एवं आदर्श बनाने का माध्यम है। हम आप जैसा साहित्य पढ़ेगें, जैसा चिन्तन करेंगे। हमारा व्यक्तित्व भी वैसा ही निर्मित होगा। व्यक्तित्व और कृतित्व एक सिक्के के ही दो पहलू है। जैसा हमारा कृतित्व होगा वैसा ही हमारा व्यक्तित्व प्रखरित होगा।
युगपुरुष महाराजा मणिकुण्डल जी का जीवन भी उनकी आस्था, राम भक्ति एवं परोपकारी वृत्ति का आदर्श है। “कवितावली" अध्ययन कर आप लोगों को उनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व का आंकलन हुआ। सम्भवतया कुछ लोगों ने उनके आदर्शों को अपने जीवन में उतारने का प्रयास किया हो, उन सभी को हमारा बहुत बहुत साधुवाद!
प्रथम संस्करण के हाथोहाथ वितरित होने तथा देशभर से महाराजा मणिकुण्डल जी के बारे में जानने की उत्सुकता एवं कवितावली की मांग आने के कारण उसका द्वितीय संस्करण प्रकाशित किया जा रहा है। समाज के बन्धुओं द्वारा कवितावली पाठविधि, पूजन विधि एवं श्री मणिकुण्डल कवच के प्रति आध्यात्मिक रुचि के कारण इस संस्करण में संक्षेप में जानकारी देने का भी प्रयास किया जा रहा है। मुझे विश्वास कि सदैव की भांति आप सभी पाठकों, सुधीजनों, समाजसेवियों का उत्साहवर्धन इसी प्रकार प्राप्त होता रहेगा।
इसी आशा, विश्वास, सहयोग एवं उत्साहवर्धन की आकांक्षा के साथ
- उमाशंकर गुप्त
११६/४५६, दर्शनपुरवा, कानपुर -१२ (उ०प्र०)
मो० ६६१८१२५३३३
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