लोगों की राय

संस्कृति >> डॉ सुरेन्द्र विक्रम : बालसाहित्य सृजन विमर्श

डॉ सुरेन्द्र विक्रम : बालसाहित्य सृजन विमर्श

डॉ. दीपशिखा डंडोतिया

प्रकाशक : आराधना ब्रदर्स प्रकाशित वर्ष : 2019
पृष्ठ :368
मुखपृष्ठ : सजिल्द
पुस्तक क्रमांक : 16193
आईएसबीएन :9788193959053

Like this Hindi book 0

5 पाठक हैं

डॉ सुरेन्द्र विक्रम : बालसाहित्य सृजन विमर्श

डॉ. सुरेंद्र विक्रम उन बाल साहित्य समीक्षकों में से हैं जो इस विधा के लिए पर्णतः समर्पित तो हैं ही, उनमें बाल साहित्य की पैनी समझ और उसके मूल्यांकन की प्रखर दृष्टि भी है। मैं पूरे विश्वास के साथ कह सकता हूँ कि वह इस साहित्य विधा को उसके शिखर पर ले जाने वाले ऐसे व्यक्ति होंगे जिनमें प्रतिभा है और निष्ठा तथा लगन से कार्य करने की अदम्य क्षमता है।"

- डॉ. हरिकृष्ण देवसरे

* * *

बाल साहित्यकार के रूप में डॉ. विक्रम की उपलब्धियाँ अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने जहाँ बालोपयोगी, वैज्ञानिक, मनोवैज्ञानिक रोचक और मनोरंजक कविताएँ लिखी हैं, वहीं सीख भरी कहानियाँ भी। वे जहाँ एक ओर समीक्षात्मक आलेख लिखने वाले हैं, वहीं शोध-समीक्षा, बाल-पत्रकारिता में उनका योगदान अद्वितीय है। समकालीन बाल साहित्यकारों में एक ओर तो वे काव्य में अपनी आधुनिक सोच के लिए दूसरों से अलग माने जाते हैं, तो शोध और समीक्षा कार्य भी उन्हें विशेष रूप से अलग पहचान दिलाता है। बाल साहित्य में शोध और समीक्षा का अभाव सर्वप्रथम डॉ. विक्रम ही पूरा करते दिखते हैं।"

- डॉ. श्रीप्रसाद

* * *

डॉ. सुरेंद्र विक्रम, यानी बच्चों की दुनिया का एक जाना-पहचाना नाम। उन्हें बच्चों ने अपनी पाठ्यपुस्तकों में तो पढ़ा ही है, पत्र-पत्रिकाओं में भी बहुतायत से उनकी रचनाओं का आस्वादन किया है। बच्चों के साथ-साथ बड़ों को भी उनका कृतित्त्व लगातार लुभाता-रिझाता रहा है। कविता हो या कहानी समीक्षा हो या शोध, विविध दिशाओं को उन्होंने अपनी प्रातिभ लेखनी से जब-जब छुआ, एक नये आलोक-लोक का सृजन हुए बिना न रहा। उनका बालसाहित्य मनोरंजक, ज्ञानवर्द्धक और प्रेरक होने के कारण बाल-मन की सभी जरूरतों को पूरा करने में सक्षम है।"

- प्रो. उषा यादव

Next...

प्रथम पृष्ठ अगला पृष्ठ >>

    अनुक्रम

  1. समर्पण
  2. अनुक्रमणिका

लोगों की राय

No reviews for this book

A PHP Error was encountered

Severity: Notice

Message: Undefined index: mxx

Filename: partials/footer.php

Line Number: 7

hellothai