लोगों की राय
नई पुस्तकें >>
संवाददाता
संवाददाता
प्रकाशक :
भारतीय साहित्य संग्रह |
प्रकाशित वर्ष : 2022 |
पृष्ठ :272
मुखपृष्ठ :
सजिल्द
|
पुस्तक क्रमांक : 16194
|
आईएसबीएन :978-1-61301-731-9 |
 |
 |
 |
 |
|
0
5 पाठक हैं
|
इकतीस अध्यायों में रिपोर्टिंग के उन समस्त सूचना-तत्वों और व्यावहारिक पक्षों को सहेजने का प्रयास किया गया है, जिनसे जर्नलिज्म के छात्रों एवं नई पीढ़ी के पत्रकारों को अपनी राह आसान करने में मदद मिल सके
पत्रकारिता के छात्रों और नए पत्रकारों के लिए यह सब जानना भी ज़रूरी लगता है कि टेक्नोलॉजी के द्रुत विकास ने पूँजी और सूचनाओं के अत्यंत तेज संचरण को वैश्विक पैमाने पर सम्भव बना दिया है। इस प्रक्रिया के दौरान उपभोग को सभ्यता की कसौटी के तौर पर पेश किया जाता है कार्टून वाइलेंस और समान मूल्यों और जीवन शैलियों को पूरी दुनिया के विभिन्न देशों तक स्थानान्तरित किया जाता है। परिणामतः, समान उत्पादों का उपभोग एकल संस्कृतीकरण की प्रक्रिया की ओर ले जाता है, जो कि समाजों की अधिसंरचनाओं और उपसंरचनाओं को नियंत्रित करता है और जीवन के सभी अंगों का पुनर्निर्माण करता है। यह प्रक्रिया बचपन से ही शुरू हो जाती है जो कि वह दौर है जब व्यक्ति की सामाज़िक अस्मिता का मोटे तौर पर निर्माण होता है। बच्चों को पहला शिक्षण उनके परिवारों के द्वारा सांस्कृतिक ढाँचे में समायोजन द्वारा दिया जाता है। यद्यपि, आज के बच्चे टेलीविज़न, वीडियो व कम्प्यूटर गेम्स से अपने परिवारों की अपेक्षा ज्यादा सम्पर्क में रहते हैं और ट्रेंड सेटर मीडिया तंत्र इन उपकरणों के जरिये सीधे बच्चों से संपर्क साधता है। बच्चे अपना ज्यादातर ख़ाली वक्त टेलीविज़न और मोबाइल पर बिताते हैं। इस तरह वे ज्यादा पैस्सिव बनते जाते हैं और सभी सूचनाओं को बिना प्रश्न खड़ा किये और आत्म विश्लेषण के मान लेते हैं। विकसित देश, जो कि कार्टूनों के सबसे बड़े बाज़ार हैं, पूरी दुनिया के सभी देशों में कार्यक्रमों का निर्यात कर, वे अपने मूल्यों का भी निर्यात करते हैं। बच्चे जो इन मूल्यों को स्वीकार करते हैं वे अपनी संस्कृति से अलगावग्रस्त हो जाते हैं। पत्रकारिता के छात्रों और नए पत्रकारों को अपने अध्ययन में ऐसे विषयों पर भी सचेत रहना होगा।
पूर्वारंभ में पाठ्येतर संदर्भ और विचार प्रश्चनसूचक लग सकते हैं लेकिन आज कारपोरेट प्रायोजित मीडिया-पाखंड के समय में नई पीढ़ी के पत्रकारों को यह जानना ज्यादा जरूरी लगता है कि उनके आगे आने वाले समय की राह कितनी असमतल हो सकती है, यह संभवतः रिपोर्टिंग का सबसे ज्यादा काम आने वाले हुनर हो सकता है। 'संवाददाता' का यह निमित्त भी है।
- जयप्रकाश त्रिपाठी
...Prev |
अनुक्रम
- अनुक्रमणिका
मैं उपरोक्त पुस्तक खरीदना चाहता हूँ। भुगतान के लिए मुझे बैंक विवरण भेजें। मेरा डाक का पूर्ण पता निम्न है -
A PHP Error was encountered
Severity: Notice
Message: Undefined index: mxx
Filename: partials/footer.php
Line Number: 7
hellothai