स्वास्थ्य-चिकित्सा >> योगशतम् योगशतम्आचार्य बालकृष्ण
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100 शलोकों में आयुर्वेद के अचूक नुस्खों का अद्भुत संग्रह
विषय-सूची
• ग्रन्थरचना-प्रस्तावना / 1
• चिकित्सा से पूर्व निदान व निरामता की आवश्यकता / 2
कायचिकित्सा - ज्वर आदि रोगों की चिकित्सा
ज्वरचिकित्सा के विविध योग
• छिन्नोन्द्रवादि क्वाथ, दुःस्पर्शादि क्वाथ, मुस्तादि क्वाथ / 3
• क्षुद्रादि क्वाथ / 4
• आरग्वधादि क्वाथ / 5
• द्राक्षाभयादि क्वाथ / 6
• निदिग्धिकादि क्वाथ / 7
• दुरालभादि क्वाथ / 8
• सर्वप्रमेहनाशक फलत्रिकादि क्वाथ / 9
अतिसार-चिकित्सा
• वत्सकादि क्वाथ / 10
आमयुक्त ग्रहणी रोग की चिकित्सा
• शुण्ठ्यादि क्वाथ/चातुर्भद्रक / 11
शोफ-चिकित्सा
• पुनर्नवादि क्वाथ / 12
कृमिरोग-चिकित्सा
• मुस्तादि क्वाथ / 14
अश्मरी, मूत्रकृच्छ्र चिकित्सा
• एलोपकुल्यादि क्वाथ / 15
• एलाश्मभेदकादि क्वाथ / 16
• हरीतक्यादि क्वाथ / 16
वात-रक्त चिकित्सा
• वासागुडूच्यादि कषाय / 17
असृग्दर, श्वासचिकित्सा
• रसाञ्जनादि योग, भार्गी योग / 18
• एरण्डादि कषाय/एरण्डसप्तक योग /18
कफवातरोग चिकित्सा
• रुचकादि चूर्ण / 19
गुल्मदराजीर्णविषूचिका चिकित्सा
• हिंगूनगन्धादि योग / 21
• पूतीकादि क्षार / 22
श्वास-ऊर्ध्ववात-कास-अरुचि-पीनस चिकित्सा
• शृङ्गयादि चूर्ण / 24
• नादेयीक्षार / 25
वैस्वर्य-पीनस-कफ-अरुचि चिकित्सा
• बृहत्तालीस मोदक / 27
कास, अग्निमान्द्य, अर्श चिकित्सा
• लघु तालीस मोदक / 28
• समसित/समशर्कर चूर्ण / 29
• क्षुधावर्द्धक सैन्धवादि योग / 30
आम-अजीर्ण-अर्श-वर्धोविबन्ध चिकित्सा
• गुडशुण्ठी आदि योग / 31
पाण्डुरोग-चिकित्सा
• अयस्तिल मोदक / 32
श्वास-कास चिकित्सा
• हरीतक्यादि गुटिका / 33
छर्दि-चिकित्सा
• मनश्शिलादि चूर्ण / 34
तृष्णाचिकित्सा
• तृष्णाहरी गुटिका / 35
नकसीर एवं हिचकी की चिकित्सा
• नकसीर, हिचकी नाशक योग / 36
त्वचा रोग चिकित्सा
• सिध्महर उद्वर्तन / 37
• दूर्वादि प्रलेप / 38
• गण्डीरिकादि तैल / 39
• सिन्दूरादि तैल / 40
• षट्कट्वर तैल / 41
श्वास-अग्निमान्द्य-ग्रहणी चिकित्सा
• गुडूच्यादि घृत / 42
विसर्प-मद-रक्तपित्त-कुष्ठ-गुल्म चिकित्सा
• वृषादि (वासादि) घृत / 43
• कुष्ठ-नाशक विशिष्ट घृत/वज्रक घृत / 44
• खण्डकूष्माण्डकावलेह / 44
आनाह चिकित्सा
• आनाहहरी वर्ति/फलवर्त्ति / 45
शालाक्य तन्त्र - ऊर्ध्वजत्रुरोग चिकित्सा
• शिरोरोगहर नस्य / 46
• अञ्जन-वर्ति / 46
• नेत्रलेप / 47
• नेत्र-आश्च्योतन / 47
• पिल्लहर योग / 48
• नेत्रलेप-1 / 48
• नेत्रलेप-2 / 49
• नेत्ररोगहर योग / 49
• कण्ठरोगहर क्वाथ / 50
• कण्ठरोगहरी गुटिका / 50
• मुखपाकहर कवलग्रह / 51
• दन्तरक्तस्राव एवं दन्तपीडा नाशक मञ्जन / 52
• कर्णपीडाहर कटुकतैल / 53
• ऊर्ध्वजत्रुरोगहर घृत / 54
• तिमिरनाशक व शिरोरोगहर घृत / 54
• तिमिरघ्न एवं ऊर्ध्वजत्रुरोगहर तैल / 55
शल्यतन्त्र
• अर्श, व्रण, गण्डमालादि में हितकर मुष्ककक्षार व क्षारतैल / 55
• व्रणरोपण एवं दाहनाशक तैल / 57
• विविध व्रणों में हितकर तैल / 57
अगद तन्त्र - विष चिकित्सा
• विषमूर्छित को चेतन करने वाला योग / 59
• आलर्क (पागल कुत्ते के) विष को दूर करने वाला योग / 60
• स्थावर-जंगम विषहर योग-1 / 60
• स्थावर-जंगम विषहर योग-2 / 61
• विष एवं कृत्या आदि का निवारक ‘चन्द्रोदय' अगद / 61
भूतविद्या
• कृत्या, उन्माद, ग्रहावेश आदि का नाशक अगद / 62
• उन्माद, पिशाचावेश आदि निवारक धूप / 63
• भूतराव घृत / 64
• महाभूतराव घृत / 65
बालतन्त्र (कौमारभृत्य)
• शिशु के लिए अतिसार-नाशक क्वाथ / 66
• अतिसारग्रस्त शिशुओं के लिए हितकर क्वाथ एवं अवलेह / 67
• कासज्वर-छर्दिनाशक अवलेह / 67
रसायन-वाजीकरण
• धात्रीचूर्ण रसायन / 68
• मधुक रसायन/वाजीकरण योग / 69
• त्रिफला रसायन/वाजीकरण योग / 69
• श्वदंष्ट्रादि रसायन/वाजीकरण योग / 69
पञ्चकर्म
• कण्ठ आदि के रोगों का नाशक वमन योग / 70
• विविधरोग-नाशक विरेचन योग / 70
• वातरोगहर वस्ति योग / 71
• वातनाशक अनुवासन योग (स्नेहवस्ति) / 72
• ऊर्ध्वजत्रुरोगहर शिरोविरेचन/नस्य / 72
श्रेष्ठतम ओषधियों का निरूपण
• रोगनिवारण में श्रेष्ठतम ओषधियाँ-१ / 73
• रोगनिवारण में श्रेष्ठतम ओषधियाँ-२ / 74
• रोगनिवारण में श्रेष्ठतम ओषधियाँ-३ / 75
• रोगनिवारण में श्रेष्ठतम ओषधियाँ-४ / 76
त्रिदोष-प्रकोप के कारण व शमन के उपाय
• जनसामान्य हेतु दोषों के कोप-शमन का ज्ञान आवश्यक / 76
• बातप्रकोप के कारण / 77
• पित्तप्रकोप के कारण / 77
• कफप्रकोप के कारण / 78
• रोगों का मूल- त्रिदोष का असन्तुलन / 78
• वात के कर्म / 79
• पित्त के कर्म / 79
• कफ के कर्म / 80
• विविध रोगों के नामकरण का मूल / 80
• साम व्याधि के लक्षण / 81
• आम-निवारक उपाय / 81
• वातशमन के उपाय / 82
• पित्तशमन के उपाय / 83
• कफशमन के उपाय / 84
• त्रिदोष-शोधन के उपाय / 84
• दोषों के प्रकोपकाल / 85
• दोष-शमन के उपाय / 85
दैवव्यापाश्रय-चिकित्सा
• होम, उपवास / 86
• नियम, प्रायश्चित्त / 87
• जप, व्रत, देवार्चन, द्विजार्चन, मन्त्र, बलि / 88
• स्वस्त्ययन / 89
• ग्रन्थ का उपसंहार / 89
. लोक के आरोग्य की मंगल-कामना / 90
परिशिष्ट-1
• योगशत-हस्तलेखों में उपलब्ध अधिक पाठ / 91
परिशिष्ट-2
• विभिन्न ग्रन्थों में योगशत (अमिप्रभीय) के उद्धरण / 96
परिशिष्ट-3
• योगशत की हस्तलिखित प्रतिलिपियों का परिचय / 104
परिशिष्ट-4
• योगशतम् (मूलपाठ:) / 113
परिशिष्ट-5
• योगशत में प्रयुक्त छन्द 134
परिशिष्ट-6
• योगशत-श्लोकचरणानुक्रमणिका / 136
परिशिष्ट-7
• सन्दर्भग्रन्थ-सूची एवं शब्दसंक्षेप-सूची / 153
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