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कविता संग्रह >> बंजर में बहार

बंजर में बहार

विकास सोलंकी

प्रकाशक : सर्व भाषा ट्रस्ट प्रकाशित वर्ष : 2020
पृष्ठ :136
मुखपृष्ठ : सजिल्द
पुस्तक क्रमांक : 16234
आईएसबीएन :9789393605207

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ग़ज़ल संग्रह

ग़ज़ल क्रम

1. हम स्वयं को आदमी जब तक बना सकते नहीं
2. मैं निरंतर कर रहा हूँ बस यही चिंतन मनन
3. चाहतों का मोती लुटा रहा हूँ मैं
4. आँखों में सपने पलते रहे हैं
5. सत्य सब आज दिखने लगा है
6. जिसने मन से ठान लिया है
7. ऐसा भी तुम काम न कर
8. एक नज़र भर है ज़िन्दगी
9. चोट हजारों खा सकता हूँ
10. कर्तव्यों का जब भास हुआ
11. प्रश्न मेरे सामने तो आज भी कुछ यक्ष है
12. आँसुओं को भी बाज़ार तक ले आए
13. हसीं कोई कहानी हो गया हूँ मैं
14. रो रो कर जीना जीना क्या
15. मंदिर को दरबार कहोगे
16. यह भी पहली बार हुआ
17. जब मौसम रंग बदलता है
18. सच से इतनी दूरी क्यों
19. डर से भी अब डर लगता है
20. घर के भीतर रहना मुश्किल
21. तेरे संग ज़िन्दगी अच्छी नहीं
22. आज अहसान जताने की ज़रूरत क्या है
23. यूँ इतना चुपचाप भी रहना अच्छी बात नहीं
24. कर्त्तव्य की बातें करूँ या करूँ अधिकार की
25. आग पर चल कर दिखाओ तो सही
26. घर से बाहर निकलना पड़ेगा तुम्हें
27. हिस्से में यह गाँव दिया है
28. मौन को तुम साध लिख दो
29. ताकत तो पुरज़ोर है
30. गाँव से मैं चला था शहर के लिए
31. सारी दुनिया झुक गई है आज मेरे सामने
32. पढ़ लिखकर वह घर बैठा है
33. खूब हुई तकरार की बातें
34. इतना भी अभिमान न कर
35. उँगली जब भी कट जाती है
36. झूठ सच को तोलता है
37. वादा करने को सच्चे भी आयेंगे
38. युद्ध ज्यों ही पटल पे अटल हो गया
39. सोच समझ कर आगे बढ़ना
40. लोग कहते मर गया हूँ
41. दुनिया में सब ख़ास है
42. करने से हर काम होता है
43. दिन को काली रात करेंगे
44. सड़कों पर सोना जारी है
45. हो रहा है पाप का कुछ इस तरह पंजीकरण
46. पलक पर इस कदर तुम को बिठाया फिर न जाएगा
47. आदमी हैं आप बेहद कमाल के
48. खाने को रोटी न कपड़ा बदन को
49. धोखा हुआ है जिगर के साथ
50. ख़ारिज सारी अर्जी है
51. सच्ची बातें करना सीखो
52. एक तरफ़ ललचाई नज़रें
53. सूली पर जो चढ़ जाएगा
54. चाँद उग आया सुनहरा देखिए
55. दीपक यहाँ हम जलाते रहे हैं
56. तुमको आने-जाने से क्या होगा
57. काला मेरा खून है
58. बहुरूपिया जो चेहरा है
59. सच कहने पर डर होता है
60. सीने में समाए रखिए
61. मत करिए तकरार की बातें
62. दुनिया में इंसान बहुत
63. अर्थ दिखता नहीं
64. छाँह में तो वो जिये जाते हैं
65. थोड़े हम भी जुगाडू होते
66. सृजन का द्वार हो तुम भी सृजन का द्वार हैं हम भी
67. उदासी और आँसू का जहाँ सहवास होता है
68. सोना जगना अब तेरी आँखों में
69. गीत प्रणय का गाएँगे हम
70. जैसे चाहो चला लो मुझको
71. जीने का सहारा दे दो
72. कितनी ख्वाहिश पालें हम
73. लग गया यह रोग मुझको
74. नयन से दूर मत होना नयन के पास रहना तुम
75. आपके हाथों का हरदम मैं खिलौना ही रहूँ
76. प्रिये आज कोई न ठहरा हमारा
77. तू है तो फिर तेरा जवाब क्या है
78. जीवन एक हमारा था
79. वादा पूरा कर जाऊँगा
80. तेरे दर पर आ बैठे
81. तन से जब भी बू आती है
82. दिल के मकां से तू भी गया है
83. आज भी तुम्हारे बिन जिन्दगी अधूरी है
84. जिल्लत में जीना मेरी आदत तो नहीं
85. जी करता है आग लगा दूँ
86. सच्चा जब मेरा ईमान हो गया
87. आँखों में कोई सँवर गया कैसे
88. ग़म खा के आँसू पी लेते हैं
89. इल्ज़ाम जो था सर लेकर चले
90. गिरकर ज्यों ही खड़े हो गए
91. हमको ऐसा दगा दिया है
92. डगर पे चलते डरा रहा है
93. जब तक हम मशहूर रहे
94. आने वाले सब आएँगे
95. यूँ नहीं हम तुम्हारे हैं
96. हम हैं बदतर कहने वाले
97. मेरी तो नज़र में तुम्हीं बस तुम्ही हो
98. हम जब नहीं यहाँ होंगे
99. मैं गलत हूँ तो सही कौन है
100. बात हद से ज्यादा मत बढ़ाइए आप
101. चाहता हूँ ज़िन्दगी को खूब लिख दूँ
102. लोग कहते हद कड़ा हूँ मैं
103. दुख से इतना भर गया हूँ
104. तुम आना-जाना भूल गए
105. यूँ हुनर को हुनर बनाया है
106. आज तुझको भा गया हूँ
107. यह भी फर्ज निभाना होगा
108. ज़िन्दगी का हिसाब दे दें क्या
109. जो चाहा सो मिला नहीं
110. देखो क्या-क्या नहीं है मुझमें
111. बाग-बाग मेरा मन हो जाए

प्रथम पृष्ठ

    अनुक्रम

  1. ग़ज़ल-क्रम

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