लोगों की राय

कविता संग्रह >> वाह रे पवनपूत

वाह रे पवनपूत

असविन्द द्विवेदी

प्रकाशक : गुफ्तगू पब्लिकेशन प्रकाशित वर्ष : 2022
पृष्ठ :88
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 16273
आईएसबीएन :9788192521898

Like this Hindi book 0

5 पाठक हैं

पवनपुत्र हनुमान जी पर अवधी खण्ड काव्य

WAH RE PAWAN POOT - a Hindi Book by Aswind Dwivedi

आशीर्वचन

 

प्रिय पाठक जी अनन्त श्री विभूषित परमहंस महाराज के सुभाशीष से हमारे ही अमेठी गौरीगंज क्षेत्र के श्री असविन्द द्विवेदी जो आधुनिक अवधी भाषा के बहुत ही कुशल निर्भिक साहसी कवि हैं, साथ ही अध्यात्म के प्रति आप का विशेष झुकाव बाल्यकाल से ही रहा है। इस कड़ी में अनेक रचनायें भी की हैं जिन्हें आज काव्य जगत में अपना उच्च स्थान प्राप्त है। अमेठी ही नहीं जनपद का सौभाग्य है, इस सपूत को पाकर, जन-जन में जिसकी चर्चा है। यह सुपुनीत काव्य ‘वाह रे पवनपूत' संकट मोचन श्री हनुमान जी महाराज के प्रति जो रचना की है, काव्य जगत में सर्वोच्च स्थान प्राप्त करेगी। अन्त में मेरा आशीर्वाद है कि आजीवन ऐसे पुनीत काव्यों की रचना करते रहें।

श्री 1008 स्वामी श्री हरिचैतन्य

ब्रह्मचारी जी महाराज

प्रबन्धक श्रीमत् परमहंस आश्रम

टीकरमाफी, अमेठी, सुल्तानपुर (उ.प्र.)

 

 


Next...

प्रथम पृष्ठ अगला पृष्ठ >>

लोगों की राय

No reviews for this book