उपन्यास >> स्टाप प्रैस स्टाप प्रैससुरेन्द्र मोहन पाठक
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'सुनील सीरीज़' का नवीनतम उपन्यास
"मैं अखबारनवीस हूं। जहां खबर है, वहां पहुंचना मेरा कारोबार है, मेरा फर्ज है, मेरा धर्म है। मैं अपने साथ दस बॉडीगॉर्ड लेकर खबर सूंघने जाना अफोर्ड नहीं कर सकता। यूं सिर्फ मेरी कमजोरी उजागर होगी। ये जाहिर होगा कि मैं डरता हूं। मैं अपना ऐसा इमेज बनाना अफोर्ड नहीं कर सकता जिससे ये स्थापित हो कि मैं इस धन्धे के काबिल नहीं। डर से कहीं अखबारनवीसी होती है? डर के कहीं किसी के पीछे पड़ा जाता है ? मैने सत्यमेव जयते का सबक सीखा है। जो सत्य के रास्ते पर हो, उसकी हार कैसे हो सकती है? सच्चे का बोलबाला और झूठे का मुंह काला होता कितनी बार 'ब्लास्ट' की आंखों से दुनिया देख बुकी है और कितनी बार अभी और देखेंगी, ये क्या किसी से छुपा हैं? कलम का सिपाही तोप-तलवार से खौफ खा सकता है ?"
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स्टाप प्रैस
'सुनील सीरीज़' का नवीनतम उपन्यास
सुरेन्द्र मोहन पाठक की लौहलेखनी का नवीनतम चमत्कार!
अनोखा तेज रफ्तार घटना-क्रम।
चौंका देने वाला क्लाइमैक्स।
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