नई पुस्तकें >> तानाशाही से लोकशाही तानाशाही से लोकशाहीजीन शार्प
|
0 5 पाठक हैं |
फ्रॉम डीक्टेटरशिप टू डेमोक्रेसी को मूलरूप से 1993 में अहिंसक संघर्ष के मार्गदर्शन के लिए लिखा गया था। चोरी-चोरी, चुपके-चुपके यह पुस्तक दुनियाभर के तमाम राजनीतिक असंतुष्टों के हाथों में पहुँच गयी। बाद में इसका तीस से अधिक भाषाओं में अनुवाद किया गया। यह छोटी सी पुस्तिका इक्कीसवीं सदी के अहिंसावादी क्रांतिकारियों के लिए ‘कैसे-करें’ की पथ प्रदर्शक बन गयी है। अहिंसक विरोध प्रदर्शन और रक्तहीन क्रान्ति के सुझाव और व्यावहारिक नियम बताने वाली किताब है।
क्रान्ति या बदलाव के झूठे सपने या कोई अकल्पनीय रास्ते नहीं बताती बल्कि लोगों को परिवर्तन के वास्तविक पहलू से परिचय कराती है।
|